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अब पूछताछ के बाद ही लोग थाने में कर सकेंगे प्रवेश, पुलिस आयुक्त के आदेश पर आमूलचूल परिवर्तन, आदेश हुआ जारी...

अब पूछताछ के बाद ही लोग थाने में कर सकेंगे प्रवेश, पुलिस आयुक्त के आदेश पर आमूलचूल परिवर्तन, आदेश हुआ जारी...

नईदिल्ली, ब्यूरो। दिल्ली पुलिस के पुलिस स्टेशनों में हाल के दिनों में आमूलचूल परिवर्तन आया है। अब पुलिस स्टेशनों में पूरी पूछताछ के बाद ही प्रवेश कर सकेंगे। वह भी पुलिस स्टेशन के अंदर नहीं बल्कि पुलिस स्टेशन के ड्यूटी अफसर डेस्क के पास बने वेटिंग रूम तक ही जा सकेंगे।

अब संबंधित जांच अधिकारी आपकी शिकायत सुनने अपने कमरे में नहीं बुलाएगा बल्कि वेटिंग रूम में ही शिकायत सुनने आएगा। ये अभी नहीं कहा जा सकता कि दिल्ली पुलिस ने अपने सिस्टम को दुरुस्त किया है या फिर रिश्वतखोरी को रोकने के लिए कदम उठाया है।

पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने हाल ही में आदेश पारित किया है कि जिस पुलिस स्टेशन का पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होता है तो उस थाने के थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर या निलंबित किया जाएगा। साथ ही जिला पुलिस उपायुक्त पर कार्रवाई होगी। इसके बाद दिल्ली पुलिस के थानों में नई व्यवस्था की गई है। 

पुलिस आयुक्त के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस के हर थाने की दीवार पर पोस्टर लगा दिए गए हैं कि सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि थाना परिसर या थाना इलाके में कोई पुलिस अधिकारी किसी काम या मदद के बदले पैसा या अन्य चीज मांगता है तो उसकी सूचना तुरंत थानाध्यक्ष के मोबाइल नंबर पर दें।

सरोजनी नगर थाना
सरोजनी नगर थाना में जैसे ही अंदर घुसे वैसे ही बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बुलाया। उन्होंने पूछताछ की इसके बाद नाम, पता व फोन नंबर दर्ज किया। इसके बाद अंदर जाने की अनुमति दी। अंदर जाने के बाद वहां बैठे पुलिसकर्मियों ने फिर नाम व फोन नंबर दर्ज किया। उसके बाद थाना अध्यक्ष से मिलने की अनुमति दी।

शकरपुर थाना
लक्ष्मी नगर थाना परिसर में ही शकरपुर थाना भी है। मुख्य गेट पर तैनात पुलिसकर्मी वहां पहुंचने वालों से यह जानकारी हासिल करते हैं कि उन्हें किस थाने में जाना है। लोगों के बताए जाने पर वह उन्हें संबंधित थाने के पूछताछ केंद्र पर भेज देते हैं। शकरपुर थाने के एक मामले में जिन पर आरोप लगाया गया था, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। आरोपियों को जांच अधिकारी पूछताछ कक्ष में लेकर गए। जहां पर उनसे पूछताछ की गई।

कालकाजी थाना
कालकाजी थाने में प्रवेश करते ही सामने संतरी पोस्ट है। यहां पर अमर उजाला संवाददाता को सबसे पहले संतरी ने रोककर पूछा कि कहां जाना है। जब उसे बताया गया कि थानाध्यक्ष से मिलना है तो उसने विजिटर डेस्क पर जाने के लिए बोला। यहां पर हवलदार रविंद्र भाटी बैठे हुए थे। उन्होंने पूछा कि कहां से आए हैं, क्या शिकायत या काम है, किससे मिलना है। जब उन्हें बताया कि थाना प्रभारी से मिलना है तो वह कार्यवाहक थानाध्यक्ष अजय मिश्रा के कमरे तक छोड़कर आए। बताया गया कि यहां से आगे नहीं जा सकते।

न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना 
थाने के गेट के सामने पहुंचे तो देखा कि मेन गेट बंद था। छोटा वाला गेट ही खुला हुआ था। थाने के गेट पर बने संतरी के कमरे में बैठे सिपाही ने हमें अंदर जाने से रोक दिया। पूछताछ करने के बाद हमने ऐसे ही थाने जाने की बात की तो उसने सख्त लहजे में कहा कि बिना काम के कोई भी थाने में नहीं जा सकता है।

जामिया नगर थाना
जामिया नगर थाने के भीतर घुसते ही सामने एक टेबल लगी थी। एक ओर सिपाही रजिस्टर लेकर बैठा हुआ था। अंदर घुसते ही सिपाही ने हमें रोक लिया और पूछा कि यहां से आगे नहीं जा सकते। काफी देर बातचीत करने के बाद जब हमने थाने के ही एक अधिकारी का नाम बताया तो उसने हमें उनसे मिलवाने की बात की। बातचीत के दौरान सिपाही ने बताया कि बगैर पूछताछ और रजिस्टर में एंट्री के बिना आजकल किसी को भी अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है।

लक्ष्मी नगर थाना 
लक्ष्मी नगर थाने में सामान्य दिनों की तरह काम चल रहा था। कुछ लोग अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे थे। वहां पहुंचने वाले लोगों से गेट पर मौजूद पुलिसकर्मी ने पूछताछ की और फिर उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई। रविवार होने की वजह से थाना प्रभारी छुट्टी पर थे। उनका काम थाना के अतिरिक्त प्रभारी देख रहे थे। शिकायतकर्ता की बातें सुनने के बाद अतिरिक्त प्रभारी ने एक जांच अधिकारी को मामले की जांच सौंपी।

वेलकम पुलिस थाना 
वेलकम पुलिस थाने में गेट पर कोई गार्ड नहीं मिला। वहां अंदर जाने पर किसी प्रकार की एंट्री नहीं करवाई जा रही थी। थाने के अंदर जाने के बाद स्वागत कक्ष बना हुआ है, वहां पर भी कोई एंट्री रजिस्टर नहीं है। स्वागत कक्ष में बैठे पुलिस कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि वहां के एसएचओ छुट्टी पर चल रहे हैं व एडिशनल एसएचओ की नाइट ड्यूटी होने के कारण वह शाम को करीब पांच बजे मिल पाएंगे।