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प्रयागराज::फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग, इसमें सिखों के किरदार को गलत तरीके से चित्रण किया गया है-सरदार पतविंदर सिंह...

प्रयागराज::फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग, इसमें सिखों के किरदार को गलत तरीके से चित्रण किया गया है-सरदार पतविंदर सिंह...

फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग।

सिखों के किरदार को गलत तरीके से चित्रण किया गया है-सरदार पतविंदर सिंह।

प्रयागराज / नैनी ब्यूरो। सिख सेवा संगम प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है जो सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चिरित्र करती है यह फिल्म सिख विरोधी व जानबूझकर सिखों का चरित्र हनान करने के इरादे से बनाई लगती है। फिल्म में सिखों के किरदार को गलत तरीके से पेश किया गया है जिससे सिखों की भावनाए आहत हो सकती हैं फिल्म जानबूझकर सिखों का गलत चित्रण करने के इरादे से बनाई गई है।

सिख सेवा संगम प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने फिल्म को सेंसर बोर्ड की ओर से जारी सर्टिफिकेट को भी रद्द करने की मांग करते हैं। सिखों को गलत तरीके से चित्रण कर समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की गई है फिल्म में सिख समुदाय को निशाना बनाते हुए गलत चित्रण किया गया है।

सिख सेवा संगम प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता जून 1984 पर सिख विरोधी कहानी बनाना सिख समुदाय का अपमान करने का घृणित कार्य है समुदाय जून 1984 सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता। 

फिल्म इमरजेंसी में जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली कहानी बनाई गई है। सिखों के चरित्र को अलगाववादियों के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है जो एक गहरी साजिश का हिस्सा लगता है

सिख सेवा संगम प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि सरकार से फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सिख विरोधी भावनाओं वाली कोई भी फिल्म रिलीज न हो, साथ ही फिल्म सेंसर बोर्ड में सिक्ख सदस्यों को शामिल करने का आह्वान किया है।

सिख सेवा संगम प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह स्वाभाविक है। कि इस फिल्म के रिलीज होने से सिक्ख समुदाय में काफी गुस्सा और नाराजगी होगी। ऐसे में सरकार को तुरंत इस विवादित फिल्म इमरजेंसी का प्रतिबंध लगाना चाहिए इससे सिख समाज की धार्मिक भावना को भी आहत होने से बचाया जा सकेगा।