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न DL न RC. इस बस पर 104 चालान, जुर्माने की रकम इतनी कि खरीद लेंगे 2 वाहन, ट्रैफिक पुलिस भी रह गई हैरान...

न DL न RC. इस बस पर 104 चालान, जुर्माने की रकम इतनी कि खरीद लेंगे 2 वाहन, ट्रैफिक पुलिस भी रह गई हैरान...

लखनऊ, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में बस ऑपरेटर सरेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। बीच सड़क पर बस रोक कर सवारी उतारने चढ़ाने की वजह से जाम तो अक्सर ही लगता है, आए दिन हादसे भी होते रहते हैं। इस तरह से नियमों का उल्लंघन प्राइवेट बस ऑपरेटर तो करते ही हैं, यूपी रोडवेज से अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी अपने को पीछे नहीं रखना चाहते। कुछ इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में देखने को मिला है। यहां ट्रैफिक पुलिस ने एक अनुबंधित बस का चालान किया तो पता चला कि इस बस का ड्राइवर हैविचुअल है और इस बस पर पहले से 104 चालान पेंडिंग है।

इस चालान की रकम बस की कीमत से भी ज्यादा है। इस खुलासे के बाद पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद के जैन मंदिर चौराहे पर यूपी रोडवेज की एक अनुबंधित बस रविवार की दोपहर बीच सड़क पर खड़ी थी और ड्राइवर कंडक्टर सवारियां भर रहे थे, इसकी वजह से जाम लग गया। मौके पर मौजूद ट्रैफिक इंस्पेक्टर हेमेंद्र राजपूत ने बस के चालक को कई बार गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन उसने हर बार अनसुना कर दिया, ऐसे में इंस्पेक्टर ने बस का चालान किया।

पहले से पेंडिंग हैं 104 चालान

ऐसा करते ही सर्वर से पता चला कि इस बस पर पहले से ही 104 चालान पेंडिंग है। इस चालान में जुर्माने की रकम इतनी है कि इतने में दो नई बसें खड़ी हो जाएं। ऐसे में टीआई ने तत्काल सभी सवारियों को नीचे उतार कर बस को जब्त कर लिया। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक इस बस का ड्राइवर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने का आदी हो चुका है। इस बस के खिलाफ रेड लाइट जंप करने, ओवर स्पीड, खतरनाक ड्राइविंग, अवैध पार्किंग आदि आरोपों में कुल 104 पहले ही हो चुके हैं। इस बस पर साल 2018 से लगातार चालान होते आ रहे हैं।

ड्राइवर के पास नहीं मिला डीएल और आरसी

बावजूद इसके बस के चालक द्वारा चालान राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। बावजूद इसके, यह बस धड्ल्ले से सड़कों पर फर्राटा भरती आ रही है। चूंकि बस यूपी रोडवेज से अनुबंधित है, ऐसे में आम तौर पर इसकी चेकिंग भी नहीं होती, टीआई हेमेंद्र राजपूत के मुताबिक चेकिंग के दौरान बस चालक के पास ना तो खुद का लाइसेंस था, और ना ही उसके पास इस बस का आरसी ही था। पहले तो बस चालक ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, कहा कि सभी प्रमाण पत्र रोडवेज में जमा है, हालांकि बाद में उसकी भी कलई खुल गई। पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान पाया गया कि यह बस यूपी रोडवेज के मथुरा डिपो में पंजीकृत है।