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Flood in Prayagraj: यमुना में बाढ़ से रामघाट समेत डूबे कई घाट, बड़े हनुमान जी ने भी किया संगम के जल का महास्नान... देखें PHOTOS...

Flood in Prayagraj: यमुना में बाढ़ से रामघाट समेत डूबे कई घाट, बड़े हनुमान जी ने भी किया संगम के जल का महास्नान... देखें PHOTOS...

प्रयागराज, ब्यूरो। प्रयागराज संगम स्थित बड़े हनुमान जी ने बुधवार सुबह महास्नान कर लिया। संगम का जल सुबह 6:40 बजे गर्भगृह में पहुंच गया। यमुना के जलस्तर में तेजी से हुई वृद्धि के बाद मंगलवार को ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अब किसी भी क्षण मंदिर परिसर में संगम का जल पहुंच सकता है। 

आज सुबह सुबह जैसे ही पानी लेटे हनुमान के पास पहुंचा, घंटा बजा कर प्रसन्नता व्यक्त की गई। संक्षिप्त पूजन के बाद गर्भगृह बंद कर दिया गया। अब बाढ़ का पानी हटने पर ही श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन सुलभ हो सकेगा।

मान्यता है कि मां गंगा हर साल एक बार बड़े हनुमान जी को महास्नान कराती हैं। इस बीच शहर बाढ़ के मुहाने पर पहुंच गया है। दोनों नदियां ( गंगा यमुना) 80 मीटर से अधिक जलस्तर के साथ बह रही हैं। यहां खतरा बिंदु 84.73 मीटर है। तड़के से बरसात भी शुरू हो गई है।
 

बता दें कि मंगलवार शाम के चार बजे थे। संगम के पास जगदीश रैंप मार्ग पर तीर्थ पुरोहित बालमुकुंद, विनय व यज्ञ नारायण प्रयागवाल तख्त के सामने सड़क पर खड़ी स्कूटी पर बैठे थे और देखते ही अचानक पानी बढ़ते उनके होश उड़ गए। जब तक वे स्कूटी से उतर कर अपने तख्त समेत अन्य सामान को ट्राली पर लोड कराते वहां घुटने भर पानी चढ़ गया।
 
वहीं दूसरी ओर दारागंज श्मशान घाट पर भी अचानक पानी बढ़ने से खलबली मच गई। मुट्ठीगंज और अल्लापुर से ले आए गए दो शवों को जलाने के लिए जहां चिता लगाई गई थी, वहां अचानक पानी आ गया। यही हाल यमुना के किनारे स्थित शहर के मोहल्लों और गांवों में भी रहा। मंगलवार दोपहर से शाम तक यमुना का जल स्तर लगभग पांच फीट बढ़ने से जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया है।


मंगलवार रात यमुना का जल स्तर 80.93 मीटर पहुंच गया। अभी बुधवार शाम तक यही रफ्तार बनी रहने की उम्मीद है। यमुना का जल स्तर बढ़ने से रामघाट समेत संगम के कई घाट डूब गए।

यमुना का पानी हनुमान मंदिर परिसर में घुस गया। उम्मीद तो यह भी जताई गई है कि बुधवार तक जल स्तर बढ़ने की यही गति रही तो बड़े हनुमान जी का महास्नान भी हो जाएगा।
 

यमुना में मध्य प्रदेश के केन और बेतवा तथा राजस्थान के चंबल समेत लगभग एक दर्जन छोटी-बड़ी नदियों का पानी आ रहा है।
 

माताटीला समेत कई बांधों से लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांदा में केन का जल स्तर मंगलवार को 108.75 मीटर तो यमुना का जल स्तर 96.23 मीटर पहुंच गया।

इसी तरह हमीरपुर में यमुना 99.40 तो बेतवा 100.45 मीटर पर रहीं। वहीं गंगा का जल स्तर पिछले 24 घंटे के दौरान दो सेमी बढ़ा है। सोमवार रात गंगा का जल स्तर 78.56 तो मंगलवार रात 78.58 मीटर हो गया।
 

एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह ने कहा कि यमुना का जल स्तर बढ़ने से निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए बाढ़ राहत शिविरों को भी तैयार कराया जा रहा है। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए पूरे प्रबंध कराए जा रहे हैं। आवश्यकता वाले स्थानों पर नावों के संचालन के निर्देश दे दिए गए हैं।
 

बढ़ते जलस्तर से तटीय गांवों में बढ़ी हलचल

यमुना का जल स्तर जिस तेजी के साथ बढ़ रहा है, उससे तटीय गांवों में अफरा-तफरी मच गई है। लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। नई झूंसी, पुरानी झूंसी, मुंसी का पूरा, बदरा, सोनौटी, छतनाग, नींबी सहित कई गांवों में हलचल बढ़ गई है।
 

झूंसी-गारापुर मार्ग बदरा गांव के निकट स्थित पुलिया के नीचे मंगलवार की शाम बाढ़ का पानी पहुंच गया। ग्रामीणों की माने तो जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो पुलिया डूब सकती है। ऐसे में कई गांवों का रास्ता बंद हो जाने की आशंका जताई जा रही है।
 

लोगों का कहना है कि बाढ़ अपने पर बदरा व सोनौटी गांव टापू बन जाता है। पुलिया डूबने पर लोग नाव के सहारे इस पार से उस पार आवागमन करते हैं। बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी जाती है। विशैले जीव-जंतुओं का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही पशुओं के लिए चारे की समस्या भी हो जाती है।
 

खास बातें

-10 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से प्रयागराज में बढ़ रहा यमुना का जल स्तर।

-02 मीटर चेतावनी बिंदु तथा चार मीटर खतरे के निशान से नीचे हैं यमुना।

-84.74 मीटर है बाढ़ के खतरे का निशान, 82.74 मीटर है चेतावनी बिंदु।

-82.5 मीटर जल स्तर पर बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में पहुंचता है पानी।
--  Reporting (ए. के. केसरी)।