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Ujjain Mahakal Mandir: आज 1 साल बाद गुरुवार रात को 12 बजे खुलेंगे, नागपंचमी पर्व के सुअवसर पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट...

Ujjain Mahakal Mandir: आज 1 साल बाद गुरुवार रात को 12 बजे खुलेंगे, नागपंचमी पर्व के सुअवसर पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट...

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गुरुवार रात से नाग पंचमी महापर्व की शुरुआत होगी। 1 साल बाद मध्यरात्रि 12 बजे मंदिर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे।पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा भगवान नागचंद्रेश्वर का पूजन किया जाएगा।

रात 12.40 बजे से आम लोगों को दर्शन

नागचंद्रेश्वर मंदिर में रात करीब 12.40 बजे आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 9 अगस्त की रात 12 बजे तक चलेगा। नागपंचमी पर महाकाल व नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। नागपंचमी पर परंपरा अनुसार, भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा का विधान है।

* प्रथम पूजा आठ अगस्त की रात 12 बजे महानिर्वाणी अखाड़े के महंत द्वारा की जाएगी।
* दूसरी पूजा नौ अगस्त की दोपहर 12 बजे शासन की ओर से प्रशासनिक अधिकारी करेंगे।
* तीसरी पूजा नौ अगस्त को शाम 7.30 बजे भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद महाकाल मंदिर के पुजारियों द्वारा की जाएगी।

ऐसी होगी नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था

नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए दर्शनार्थी भील समाज धर्मशाला में स्थापित जूता स्टैंड पर जूते उतारकर तीन पंक्तियों द्वारा गंगा गार्डन के समीप वाले मार्ग से चारधाम मंदिर पार्किंग जिगजेग, हरसिद्धि चौराहा से रुद्र सागर की दीवार के समीप से विक्रम टीला होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से चार एवं पांच गेट के रास्ते मंदिर में प्रवेश कर विश्रामधाम, एयरो ब्रिज होते हुए भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन करेंगे।

दर्शन उपरांत श्रद्धालु एयरो ब्रिज से विश्राम धाम रैंप, मार्बल गलियारा होते हुए पालकी द्वार के समीप नवनिर्मित मार्ग से प्रीपेड बूथ तिराहा, बड़ा गणेश के सामने से हरसिद्धि चौराहा, हरसिद्धि धर्मशाला के सम्मुख वाले मार्ग से नृसिंह घाट तिराहा होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।

महाकाल मंदिर

नागपंचमी पर भगवान महाकाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालु महाकाल महालोक के नंदी द्वार से मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर, टनल के रास्ते कार्तिकेय व गणेश मंडप से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। पश्चात आपातकालीन निर्गम द्वार से मंदिर के बाहर निकलेंगे।