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25, 30 या 45...किस उम्र में महिलाएं होती हैं ज्यादा स्ट्रॉन्ग, पुरुष जानकर रह जाएंगे हैरान, जानें ऐज रिलेटिड ये स्टडी...

25, 30 या 45...किस उम्र में महिलाएं होती हैं ज्यादा स्ट्रॉन्ग, पुरुष जानकर रह जाएंगे हैरान, जानें ऐज रिलेटिड ये स्टडी...

ब्यूरो रिपोर्ट, एनआईए। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है बॉडी में वैसे-वैसे कई तरह के बदलाव आते हैं। उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलाव आना नेचुरल है। ये बदलाव महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग होते हैं। बात करें महिलाओं की तो उम्र के 14 साल से ही उनकी बॉडी में चमत्कारिक बदलाव आने लगते हैं। इस उम्र में तेजी से बॉडी का विकास होता है, हॉर्मोन में तेजी से उतार-चढ़ाव आता हैं जो मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ बॉडी में एनर्जी का स्तर कम होने लगता है और शारीरिक क्षमताओं में भी कमी होने लगती है।

एनआईए के बाल्टीमोर लोंगिट्युडिनल स्टडी ऑफ एजिंग के निष्कर्ष के मुताबिक शारीरिक क्षमताओं के कम होने का कारण उम्र बढ़ने पर मांसपेशियों और ताकत का कम होना है, जिसे सार्कोपेनिया कहा जाता है। स्टडी के मुताबिक मसल्स का द्रव्यमान और ताकत जन्म से लगातार बढ़ती है और लगभग 30 से 35 साल की उम्र में अपने चरम पर पहुंच जाती है। उसके बाद मसल्स की स्ट्रांगनेस और उनकी एक्टिविटी में गिरावट होने लगती है। महिलाओं में ये गिरावट 65 साल की आयु और पुरुषों में 70 वर्ष की उम्र के बाद तेजी से आती है।

महिलाओं और पुरुषों में ताकत में गिरावट आने की उम्र सीमा का तो पता चल गया लेकिन वो उम्र कौन सी है जिसमें महिलाओं में ताकत पीक पर होती है। आमतौर पर पुरुषों और महिलाओं में स्ट्रांगनेस की तुलना करें तो पुरुषों को महिलाओं से ज्यादा स्ट्रांग माना जाता है। पुरुष शारीरिक रूप से महिलाओं से ज्यादा स्ट्रांग हो सकते हैं लेकिन महिलाएं भी स्ट्रांग होती है। जो महिलाएं अपनी डाइट और अपनी फिटनेस का ध्यान रखती है वो पुरुषों की तरह स्ट्रांग हो सकती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के मुताबिक महिलाओं में उम्र के हिसाब से हार्मोनल बदलाव आते हैं। ये बदलाव रिलेशनशिप की वजह से भी आते हैं जिसकी वजह से उनके ऊर्जा के स्तर में कमी और बढ़ोतरी आ सकती है। आइए जानते हैं कि किस उम्र में महिलाओं की एनर्जी पीक पर होती है और वो ज्यादा स्ट्रांग होती हैं।

किस उम्र में महिलाएं होती है ज्यादा स्ट्रांग

18-20 साल की उम्र में महिलाओं की जिंदगी का वो समय होता है जब उनकी जिंदगी में बेहद बदलाव आते हैं। इस उम्र में महिलाएं जॉब, शादी, फैमिली और लव लाइफ सब कुछ हैंडल करती है। इस उम्र में महिलाओं की एनर्जी का स्तर हाई होता है लेकिन उसके साथ उन्हें हेल्दी डाइट की भी जरूरत होती है।

25 साल की उम्र में होने वाले बदलाव

25 साल की उम्र से ही महिलाओं की बॉडी में बदलाव आने लगते हैं। इस उम्र में बॉडी में कोलोजन की कमी होने लगती है। 30 साल की उम्र तक ये कमी 10 फीसदी तक होने लगती है। 40 साल के बाद ये 20-25 फीसदी तक पहुंच जाती है। इस उम्र में स्किन से लेकर एनर्जी स्तर तक प्रभावित होता है।

25 साल से 35 साल की उम्र में होने वाला बदलाव

25 साल से 35 साल के बीच की उम्र सबसे ज्यादा अहम है। इस उम्र में महिलाएं बेहद समझदार हो जाती है,उनकी लाइफ स्थिर हो जाती है। अपने पार्टनर के साथ वो सेटिल हो जाती हैं। उनका पार्टनर उनकी पसंद और उनकी आदतों के मुताबिक मिलें तो वो ज्यादा खुशी महसूस करती है और ज्यादा एक्टिव रहती हैं। इस उम्र में उनका हौसला पीक पर और एनर्जी भी ज्यादा होती है। वो अपने पार्टनर के साथ मिलकर हर मंजिल पाने की चाह रखती हैं। महिलाओं में 30 से 35 साल की उम्र उनकी जिंदगी का गोल्डन पीरियड है जिसमें उनकी एनर्जी का स्तर चरम पर पहुंच जाता है।

45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में एनर्जी का स्तर

40 साल के बाद महिलाओं में जो बदलाव आते हैं उसका असर एनर्जी के स्तर से लेकर मानसिक सेहत तक पर पड़ता है। 45 के बाद महिलाएं मेनोपॉज की तरफ बढ़ती हैं। उनकी बॉडी में हार्मोनल बदलाव आते हैं जिसका असर उनके एनर्जी के स्तर पर साफ दिखता है।

महिलाएं अपनी बॉडी में एनर्जी का स्तर कैसे बनाएं

* बॉडी को एक्टिव रखें। हर उम्र की महिलाएं रेगुलर एक्सरसाइज या व्यायाम करें। मॉडरेट एक्सरसाइज आपके एनर्जी के स्तर में सुधार करेगा।

* अच्छी नींद लें। हर रात एक ही समय पर सोने और जागने का लक्ष्य रखें। जल्दी सोएं और सुबह जल्दी जागें ये बेस्ट प्रैक्टिस है।

* तनाव से दूर रहें। तनाव आपकी स्ट्रेंड को कमजोर कर सकता है। तनाव कम करने के लिए आप ध्यान, योग और गर्म पानी से स्नान जैसी हेल्थ प्रैक्टिस करें। स्वीमिंग करें बेहतर मानसिक और शारीरिक व्यायाम होगा।

* डाइट का ध्यान रखें। दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। ये डाइट आपको एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करेगी।

* चाय कॉफी का सेवन कम करें। जब आप थका हुआ महसूस करें, तो कॉफी और चाय का अधिक सेवन करने से बचें। कैफीन का अधिक सेवन आपकी नींद में खलल डाल सकता है और आप अधिक थका हुआ महसूस कर सकते हैं।