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'जात' देखकर जान ली गई, सुल्तानपुर डकैती मामले में एनकाउंटर पर अखिलेश का सवाल...

'जात' देखकर जान ली गई, सुल्तानपुर डकैती मामले में एनकाउंटर पर अखिलेश का सवाल...

लखनऊ, ब्यूरो। सामजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स के यहां हुई डकैती के मामले में एक लाख के इनामिया बदमाश मंगेश यादव के एनकाउंटर पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा कि 'जाति' देखकर गोली मारी गई है, मुख्य आरोपी का सरेंडर करवाया गया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए सपा मुखिया ने लिखा, "लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले 'मुख्य आरोपी' से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और 'जात' देखकर जान ली गयी। जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है। उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। 

समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है, भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है, घोर निंदनीय!"

STF ने मंगेश यादव को एनकाउंटर में किया था ढेर

दरअसल, 28 अगस्त को सुल्तानपुर में दिन दहाड़े पांच बदमाशों ने असलहों के दम पर भरतजी ज्वैलर्स के यहां डेढ़ करोड़ की डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद से पुलिस और एसटीएफ बदमाशों की तलाश में थी। एडीजी जोन लखनऊ की तरफ से आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया था। पुलिस ने मंगलवार रात तीन बदमाशों को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। जबकि एक आरोपीने कोर्ट सरेंडर कर दिया था। एक अन्य बदमाश मंगेश यादव फरार चल रहा था। 
बुधवार रात एसटीएफ को मुखबिर से उसकी लोकेशन मिली। जिसके बाद स्थानीय पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी की. घिरता देख मंगेश यादव ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस और एसटीएफ की तरफ से जवाबी फायरिंग में मंगेश यादव घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मंगेश यादव जौनपुर जिले का रहने वाला था। उस पर कई संगीन मुकदमे दर्ज थे और एक लाख का इनाम भी घोषित था।