शिक्षक दंपती एक ही स्कूल में तैनात, पत्नी के साइन भी कर रहा था पति..दोनों हुए निलंबित...
जिला ब्यूरो। मुरादाबाद में एक प्राथमिक विद्यालय में पति और पत्नी दोनों ही शिक्षक हैं। ऐसे में पति खुद ही अपनी पत्नी के हस्ताक्षर कर उपस्थिति लगा देता था। निरीक्षण में बीएसए ने दोनों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा एक अन्य प्रधानाध्यापिका के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की गई है।
मामला भगतपुर टांडा ब्लॉक का है। बृहस्पतिवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दो विद्यालयों का निरीक्षण किया। कंपोजिट विद्यालय सेहल में जब बीएसए पहुंचे तो वहां पर परिसर में स्थित जर्जर भवन को बंद नहीं किया गया था। इसकी वजह से विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी खतरा था।
इसके अलावा मध्याह्न भोजन पंजिका नहीं बनी थी और विद्यालय के अभिलेख पूर्ण नहीं थे। विद्यालय संचालन व रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही थी। इस पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका शाइस्ता अंजुम को निलंबित कर दिया है।
नियमित स्कूल नहीं आती थी शिक्षिका
बीएसए प्राथमिक विद्यालय रानी नागंल में पहुंचे। यहां पर अनु और राजकुमार दोनों सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इसी बात का फायदा दोनों पति पत्नी उठाते थे। पत्नी पढ़ाने के लिए नियमित स्कूल नहीं आती थीं और उनके स्थान पर राजकुमार हस्ताक्षर कर देते थे।
बीएसए विमलेश कुमार का कहना है कि ग्रामीणों से जानकारी लेने पर उन्होंने यही बात बताई। इसलिए प्रथम दृष्टया अनु और राजकुमार को दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
लापरवाही में नगर निगम की लिपिक निलंबित
मुरादाबाद नगर निगम आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने लापरवाही के आरोप में नगर निगम की एक लिपिक को निलंबित कर दिया। आरोप है कि लिपिक ने उच्चाधिकारियों को सूचित किए बिना आवंटियों का नियम विरुद्ध किराया जमा कर दिया था।
चक्कर की मिलक स्थित सरकारी आवासों व अन्य लोगों द्वारा नगर निगम के भवन के किराये की धनराशि का भुगतान ऑनलाइन नगर कोष में लिपिक ज्योति चतुर्वेदी ने जमा कर लिया था। इस प्रकार के मामलों में लिपिक को बिना सक्षम अधिकारी एवं पटल लिपिक के संज्ञान में लाए रसीद नहीं काटनी चाहिए थी।
नगर आयुक्त ने लापरवाही बरतने के आरोप में लिपिक ज्योति को निलंबित कर दिया। साथ ही नगर निगम के अन्य अनुभागों में तैनात लिपिकों और कर्मचारियों अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी है। नगर निगम की संयुक्त आयुक्त निशा मिश्रा ने नगर निगम के सरकारी आवासों के आवंटनों की जांच की थी।
इस मामले में शासनादेश का उल्लंघन करने पर सपा विधायक समरपाल सिंह, पूर्व मंत्री रामेश्वर दयाल शर्मा, स्व. इंद्रमोहिनी सहित 15 लोगों के आवासों का आवंटन निरस्त कर दिया है। साथ ही 15 दिन के अंदर आवासों को खाली करने के निर्देश दिए हैं।
आवंटी अब नगर निगम में किराया जमा करने की कोशिश कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि किराया जमा करने पर आवंटी कोर्ट चले जाएंगे। इस कारण लिपिकों और अधिकारियों को सतर्कता बरतनी होगी।