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क्या बीजेपी को मिलेगी? पहली महिला अध्यक्ष... मोहन भागवत ने चली ऐसी चाल कि, मुंह देखते रह गए मोदी-शाह...

क्या बीजेपी को मिलेगी? पहली महिला अध्यक्ष... मोहन भागवत ने चली ऐसी चाल कि, मुंह देखते रह गए मोदी-शाह...

नई दिल्ली, ब्यूरो। लंबे समय से इस बात पर चर्चा चल रही है कि बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर मंथन अब शायद खत्म हो जाए क्योंकि आरएसएस ने मोदी-शाह के सामने अपनी पसंद रख दी है।  जेपी नड्डा के कार्यकाल खत्म होने के बाद से बीजेपी नए मुखिया की तलाश में है लेकिन अब तक किसी पर मुहर नहीं लगी। इस रेस में कई नाम आये लेकिन अब एक और चौंकाने वाला नाम सामने आ रहा है, जो आरएसएस की पसंद का है।

बीजेपी की मुखिया बनेगी महिला

ये नाम राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का है। सूत्रों की माने तो RSS ने वसुंधरा राजे का नाम नए अध्यक्ष के तौर पर आगे बढ़ाया है। RSS की तरफ से संजय जोशी ने वसुंधरा राजे के नाम का प्रस्ताव भेज दिया है। हालांकि अब तक इस पर नरेंद्र मोदी राजी नहीं हुए हैं क्योंकि उनके और संजय जोशी के बीच 36 का आंकड़ा बताया जाता है। दोनों के बीच के मनमुटाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2012 यूपी विधानसभा के दौरान नरेंद्र मोदी प्रचार करने इसलिए नहीं गए क्योंकि उस समय वहां संजय जोशी संयोजक थे।

मोदी-शाह और वसुंधरा में नहीं बनती

इधर मोदी और शाह से वसुंधरा राजे का अनबन चल रहा है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में सीएम के रेस में वसुंधरा राजे सबसे आगे थीं। हालांकि पार्टी ने उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया और पहली बार ही विधायक बने भजनलाल शर्मा को सूबे की जिम्मेदारी सौंप दी। 

2013 में जब भाजपा राजस्थान में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई तो नेताओं ने जीत का क्रेडिट पीएम मोदी को दिया। उस समय वसुंधरा ने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से जीत नहीं मिलती है। वहीं 2018 में अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान की जिम्मेदारी सौंपना चाह रहे थे लेकिन वसुंधरा ने वीटो करके उन्हें रोक दिया था। तभी से शाह से उनकी दूरी बढ़ गई थी।

आरएसएस करेगी खेल

अब सवाल ये उठ रहा है कि जब वसुंधरा और पार्टी आलाकमान के बीच इतनी दूरियां हैं तो फिर ऐसे में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसे बनाया जा सकता है। दरअसल RSS पावर बैलेंस करने में लगी हुई है। लोकसभा चुनाव के बाद से कई बार ऐसा हुआ है कि आरएसएस और बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के बीच दूरियां साफ़ दिखाई दी है। 

RSS वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम आगे करके भाजपा को यह दिखाना चाहती है कि अभी भी पार्टी पर संघ की पकड़ मजबूत है। आरएसएस एक ऐसा अध्यक्ष चाहता है जो हमेशा मोदी-शाह के इशारे पर न चले।