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पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, सामने आया कक्षा दो के छात्र की मौत का सच... जानकर ग्रामीणों और परिजनों का हंगामा...

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, सामने आया कक्षा दो के छात्र की मौत का सच... जानकर ग्रामीणों और परिजनों का हंगामा...

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के हाथरस के गांव रसगवां के स्कूल के छात्रावास में रहकर उसी स्कूल में कक्षा दो में पढ़ने वाले ग्यारह वर्षीय कृतार्थ की हत्या गला दबाकर हुई थी। इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है।सीओ हिमांशु माथुर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या होना पाया गया है।

सोमवार की तड़के पांच बजे उक्त स्कूल में कक्षा दो में पढ़ने वाला छात्र कृतार्थ उसी स्कूल परिसर में बने छात्रों के लिए छात्रावास में अन्य 24 छात्रों के साथ रह रहा था। उसकी पांच वर्षीय बहन युविका उसी स्कूल में एलकेजी में पढ़ती थी।
 

वह गांव से रोज बस में स्कूल पढ़ने आती थी। कृतार्थ उसके पिता का एक ही पुत्र था। उसकी मौत की सूचना पर उसके परिवार में कोहराम मच गया। इसके साथ ही पूरे गांव में शोक लहर दौड़ गई। शाम को पोस्टपार्टम होने के बाद उसका शव जैसे ही गांव पहुंचा तो उसके परिवार में रुदन मच गया। बड़े ही गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
 

आखिर क्या वजह थी, जो मासूम कृतार्थ की हुई हत्या, तमाम सवाल उठे 

कृतार्थ की हत्या की आखिर वजह क्या थी? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने के मौत आने के बाद अब उसकी हत्या पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस को इन सवालों के जवाब खोजने होंगे। उसके पिता के अनुसार, उसने उसके पुत्र से रात दस बजे फोन पर वार्ता हुई थी। इसका अर्थ यह ही कि कृतार्थ की हत्या रात दस बजे के बाद हुई होगी। इसके साथ ही आखिर कृतार्थ की हत्या करने से किस आदमी को कोई फायदा हो सकता है। कृतार्थ के परिवार से कोई बदला लेना तो नहीं चाहता था। यदि ऐसा है तो हत्यारा जब सभी बच्चे सो गए तब आया होगा, तब वह अपना काम करके वापस चला गया होगा।
 

दूसरी गाड़ी में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने पर हुआ हंगामा

उधर, सहपऊ पुलिस ने कोतवाली में हंगामे की आशंका को देखते हुए गाड़ी को रास्ते में रुकवाकर शव को दूसरी गाड़ी में रखवाकर पोस्टपार्टम के लिए हाथरस भिजवा दिया। इधर, कोतवाली में मृत किशोर के पिता और चाचा के साथ अन्य ग्रामीण शव आने का इंतजार कर रहे थे। शव के साथ चल रहे मृतक के ताऊ ने उनको मोबाइल पर पूरी घटना की जानकारी दी।


कोतवाली में मौजूद परिजनों के साथ आए ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने कोतवाली का घेराव कर हंगामा करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों की हंगामा करने की सूचना पर सीओ सादाबाद भी कोतवाली पहुंच गए। परिजन पुलिस पर रुपये लेने का आरोप लगा रहे थे और स्कूल प्रबंधक को उन्हें सौंपने के साथ शव को कोतवाली लाने की मांग करने लगे। काफी समझाने के बाद वह शांत हुए।

 
बिना अनुमति के चल रहा था आवासीय विद्यालय

रसगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल को आवासीय विद्यालय के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी। घटना के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल पहुंचकर जांच की। जांच में सामने आया कि आवासीय विद्यालय के रूप में मान्यता न होने के बावजूद बच्चों को छात्रावास बनाकर रखा जा रहा था।
 

विद्यालय में आठवीं तक की कक्षाएं संचालित की जा रही थीं, जबकि मान्यता कक्षा पांच तक की थी। घटना के बाद खंड शिक्षा अधिकारी सहपऊ पूनम ने मौके पर पहुंचकर विद्यालय संबंधी दस्तावेजों की जांच की। जांच में पता चला कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय में महज पांचवीं तक की कक्षाओं के संचालन की ही मान्यता दी गई थी।

आवासीय परिसर चलाने की तो मान्यता ही नहीं ली गई थी 

अब विभाग इस अनियमितता के लिए भी विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाति भारती ने बताया कि इस विद्यालय की आवासीय विद्यालय के रूप में मान्यता नहीं है। महज पांचवीं कक्षा तक की मान्यता है। अन्य बिंदुओं पर भी जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी।