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वाराणसी :: सुड़िया में विराजीं 10 फीट, नवापुरा में नौ फीट की ऊंची दुर्गा प्रतिमा, टाउनहाल में भी खुल गए 5 साल के बाद पंडाल...

वाराणसी :: सुड़िया में विराजीं 10 फीट, नवापुरा में नौ फीट की ऊंची दुर्गा प्रतिमा, टाउनहाल में भी खुल गए 5 साल के बाद पंडाल...

वाराणसी, ब्यूरो। शिव की नगरी में मां दुर्गा के आगमन के साथ ही शारदीय नवरात्र का उल्लास आरंभ हो गया। नवरात्र की प्रतिपदा पर शहर के पांच पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं विराजमान हो गईं। सुड़िया में 10 फीट की प्रतिमा तो नवापुरा में नौ फीट की दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई। 

बृहस्पतिवार को शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा के साथ ही काशी में शक्ति की आराधना शुरू हो गई। पहले दिन शहर के मच्छोदरी, नवापुरा, टाउनहाॅल, सुड़िया और दारानगर में मां दुर्गा की प्रतिमाएं विराजमान कराई गईं। कलश, मातृका और दुर्गा सप्तशती के पाठ के बाद विधि-विधान से प्रतिमाओं में मां दुर्गा का आह्वान किया गया। 

मां दुर्गा के लगे जयकारे

टाउनहाॅल में सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति की ओर से आठ फीट की मां दुर्गा सिंहासन के ऊपर शेर पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे रही हैं। दारानगर और मच्छोदरी स्थित शारदा विद्या मंदिर में आठ-आठ फीट की मां दुर्गा महिषासुर मर्दिनी स्वरूप में शेर पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दे रही हैं। इसके अलावा भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं। 

पांच साल बाद टाउनहाॅल में सजा मेला 

टाउनहॉल के स्मार्ट सिटी बगीचे में दुर्गा पूजा मेला सजाया गया है। पांच साल के बाद टाउनहाॅल दुर्गा पूजा उत्सव की रौनक लौटने से श्रद्धालुओं में भी प्रसन्नता है। इसके साथ ही महिषासुर, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती और कार्तिकेय की छह-छह फीट की प्रतिमाएं भी हैं। दुर्गोत्सव समिति के महामंत्री और केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष तिलकराज मिश्र ने बताया कि मां दुर्गा का दरबार थर्मोकोल से सजाया गया है। 

सजावट का कार्य चंदौली के शिल्पकार चंचल सिंह और सूरज सिंह ने किया है। बृहस्पतिवार को पूजा की शुरुआत सुबह 10 बजे आचार्य पं. वीरेंद्र मिश्र ने की। 12 वैदिक ब्राह्मणों ने शतचंडी पाठ किया। दुर्गा पूजा के दौरान शाम को नित्य शक्ति माला प्रवचन में आचार्य कृष्ण और पं. रामसूरति द्विवेदी ने शक्ति के महत्व पर प्रवचन दिया। 

मंत्रोच्चार के बीच मां काली की प्रतिमा स्थापित

श्रीश्री गीता सोसाइटी के रमना स्थित नए आश्रम का शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मंत्रोच्चार के बीच उद्घाटन हुआ। आश्रम में मां काली भगवान विष्णु व भगवान राम की प्रतिमा की भी प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान से हुई। सोसाइटी के अध्यक्ष स्वामी त्रिगुणानंद पुरी महाराज ने तीनों विग्रहों का पूजन किया। 

आश्रम के ऊपरी तल पर स्वामी विवेकानंद की भी प्रतिमा स्थापित की गई। स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष योग और शांति के लिए लोग ध्यान करेंगे। समारोह के दौरान 51 बटूकों के मंत्रोच्चार से पूरा आश्रम गुंजायमान हो उठा। बटुकों को प्रसाद ग्रहण कराने के पश्चात आश्रम के भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया जो देर रात तक चलता रहा। 

आयोजन में अमेरिका, जापान, जर्मनी, रूस व स्पेन सहित कई देशों के भक्त भी शामिल हुए। उद्घाटन अवसर पर विभिन्न स्कूली बच्चों ने आध्यात्मिकता से ओतप्रोत कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अर्जुन कृष्ण के संवाद पर स्थापित नृत्य नाटिका में बच्चों ने सभी का मन मोह लिया। आश्रम की मां वृंदाप्रणा, अनंत अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, मानसी साहा, अमित जैन, ज्योति माहेश्वरी, शिवम ढढ़निया आदि उपस्थित रहे।