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काशी विश्वप्रसिद्ध चेतगंज नक्कटैया 138वें साल में निकलीं 80 झांकियां, रात भर जागती रही काशी, आत्मनिर्भर भारत बना आकर्षण का केंद्र..

काशी विश्वप्रसिद्ध चेतगंज नक्कटैया 138वें साल में निकलीं 80 झांकियां, रात भर जागती रही काशी, आत्मनिर्भर भारत बना आकर्षण का केंद्र..

वाराणसी ब्यूरो। टीमटिमाती रंग-बिरंगी झालरें। गलियों से लेकर सड़कों तक भीड़ ही भीड़। कहीं झूला, कहीं चरखी तो कहीं खिलौनों की दुकान। रात ढलने के साथ मेले की रौनक में चार चांद लग गए। बीती रात चेतगंज की ऐतिहासिक नक्कटैया के 138वें संस्करण में जहां राष्ट्रगौरव का हर्ष अभिव्यक्त हुआ, वहीं वैश्विक विषाद की झलक देखने को भी मिली। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारतीय उपलब्धियों पर केंद्रित झांकी भारत के उत्थान की कहानी कह रही थी।

वहीं, हमास-इस्राइल, रूस-यूक्रेन युद्ध की विभीषिका वैश्विक विषाद का आभास भी दे रही थी। आत्मनिर्भर भारत पर केंद्रित झांकी भी परंपरागत लाग-विमानों की कतार में अपने होने का आभास करा रही थी।
 

75 से अधिक लाग विमान नक्कटैया शोभायात्रा का हिस्सा बने। रामायण, महाभारत और शिवमहापुराण के प्रसंगों पर आधारित पारंपरिक लाग विमान अपनी शोभा के साथ शामिल हुए। मलदहिया से लहुराबीर, चेतगंज, बागबरियार सिंह होते हुए कबीरचौरा मार्ग के दोनों किनारों के घरों की खिड़कियों, बरामदों और छतों पर हुजूम नक्कटैया का जुलूस देखने के लिए सारी रात डटा रहा। परंपरा के अनुसार सीडीओ हिमांशु नागपाल ने मध्यरात्रि चेतगंज थाने के सामने नक्कटैया की शोभायात्रा का उद्घाटन किया।

शोभायात्रा का उठाया लुत्फ

इससे पहले रात आठ बजे चेतगंज चौराहे के पास नक्कटैया की लीला हुई। भगवान लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी। चेतगंज रामलीला समिति के संस्थापक बाबा फतेह रामजी के पूजन के बाद शोभायात्रा मलदहिया चौराहे से शुरू हुई।
 

शोभायात्रा में देवस्वरूप धारण कर कलाकारों का समूह नृत्य करते हुए चल रहा था। शिव पार्वती, गणेश-कार्तिकेय, श्रीराधा-कृष्ण और महाकाल का स्वरूप धारण किए कलाकार अपनी कलाकारी दिखाते रहे।

अंगारों के खेल ने किया रोमांचित: शोभायात्रा में दुर्गा-काली के मुखौटे लगा कर तलवारबाजी के करतब भी देखने को मिले। इस दौरान अध्यक्ष अजय गुप्ता, महेंद्र गिरी महाराज, राजू यादव, तनुज पांडेय, रजत श्रीवास्तव, अजय प्रताप सिंह बॉबी, प्रदीप कुमार कन्नौजिया आदि मौजूद रहे।