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आखिर 2 घंटे में कैसे बदला खेल, हैरान कर देने वाला आया हरियाणा का रुझान...

आखिर 2 घंटे में कैसे बदला खेल, हैरान कर देने वाला आया हरियाणा का रुझान...

Haryana Election Result: वैसे तो हरियाणा में विधानसभा चुनाव के रुझान ही सामने हैं। लेकिन यह रुझान सियासी जानकारों के लिए पहेली की तरह है। पहेली शब्द का इस्तेमाल से कि एग्जिट पोल के आंकड़ों को देखें तो सरकार बनाने में कांग्रेस आगे थी। 

शुरुआत के करीब डेढ़ घंटे तक कांग्रेस आगे भी रही। वो टैली में 60 के आंकड़े तक पहुंची। लेकिन 9.30 बजे के बाद तस्वीर ऐसे पलटी कि सियासी संग्राम क्रिकेट मैच की तरह नजर आने लगा। मौजूदा समय में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से आगे है और यदि ये रुझान अंतिम नतीजों में बदले तो बीजेपी हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाती नजर आ रही है। 

इससे पहले हम हरियाणा के चार राजनीतिक क्षेत्रों की तस्वीर पेश करेंगे जिससे आप को समझने में आसानी होगी कि आखिर परिवर्तन कहां और कैसे हुआ। 

बागड़, अहीरवाल, कुरुक्षेत्र और जाटलैंड

राजनीतिक तौर पर हरियाणा को चार क्षेत्रों में बांटा गया है। जाटलैंड, अहीरवाल, बागड़ और कुरुक्षेत्र। जाटलैंड में 17 सीटों में बीजेपी 8, कांग्रेस-7 और अन्य 2, अहिरवाल में 28 सीट बीजेपी- 21, कांग्रेस-7 और अन्य-1, बागड़ में 18, बीजेपी 6, कांग्रेस-2 और अन्य-2, कुरुक्षेत्र में 27, बीजेपी 13, कांग्रेस-12 और अन्य 2 सीटों पर बढ़त पर हैं। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 39 फीसद वोट मिला है। इस, विषय पर सियासी जानकारी कहते हैं कि लगातार 10 वर्ष तक सत्ता में रहने के बाद अगर बीजेपी के खाते में 48 सीट जाती नजर आ रही है तो इसका अर्थ यह होगा कि सत्ता विरोधी लहर नहीं बल्कि सत्ता के पक्ष लोगों ने मतदान किया है। 

इन दो क्षेत्रों के रुझान को समझना जरूरी

अगर आप इन सभी इलाकों को देखें तो कम से कम दो क्षेत्रों के रुझान को समझना जरूरी है। मसलन जाटलैंड में कुल 17 सीटें हैं, यहां पर बीजेपी को आठ सीट मिलती नजर आ रही है। इसका अर्थ यह है कि जाटलैंड में कहीं ना कहीं कांग्रेस बहुत बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी। इसके साथ ही अहीरवाल इलाके में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा है। अभी तक के रुझानों पर सियासी जानकार कहते हैं कि इसके लिए आपको कांग्रेस और बीजेपी के घोषणापत्र के साथ साथ कांग्रेस में टिकट बंटवारों को देखना होगा। रुझानों से साफ है कि हरियाणा की जनता बीजेपी के वादों पर भरोसा करती नजर आ रही है। मसलन अग्निवीरों के बारे में ऐलान महि्लाओं के लिए पेंशन का ऐलान, दो करोड़ नौकरी देने का वादा काम करता नजर आ रहा है। 

इसके साथ ही कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। मसलन कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला की नाराजगी। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में तालमेल ना होना है। मसलन चुनावी प्रचार के दौरान कुमारी शैलजा का उस हद तक सक्रिय ना होना और इसके साथ ही रणदीप सुरजेवाला का अपने क्षेत्र में ही सीमित हो जाना है।