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अस्थायी अस्पताल पर 26 करोड़ का बकाया, बीएचयू के एम्फीथिएटर में कोरोना काल में हुआ था निर्माण, मैजिक वाहन का भी पेमेंट बकाया...

अस्थायी अस्पताल पर 26 करोड़ का बकाया, बीएचयू के एम्फीथिएटर में कोरोना काल में हुआ था निर्माण, मैजिक वाहन का भी पेमेंट बकाया...

कोरोना काल में बीएचयू के एम्फीथियेटर मैदान में रक्षा मंत्रालय की ओर से बनाए गए पंडित राजन मिश्र अस्थायी अस्पताल के बिजली बिल का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। यह खुलासा भारत के महालेखाकर की ऑडिट में हुआ है। अस्पताल के लिए बिना पैसा जमा कराये 9000 किलोवाट का कनेक्शन भी जारी कर दिया था। महालेखाकार के पत्र में संयोजन का भुगतान नहीं होने संबंधित बिंदु को गंभीरता से उठाया है।

वहीं, हाईटेंशन लाइन निर्माण की लागत और बिजली बिल का बकाया 25,87,35,986 का भी भुगतान अब तक नहीं किया गया। इसके लिए विभागीय स्तर पर जिलाधिकारी को 33 बार पत्र लिखकर इससे अवगत कराया है।

इस बारे में वाराणसी जोन प्रथम के मुख्य अभियंता अरविंद कुमार सिंघल ने बताया कि अस्पताल के बिजली बिल का भुगतान करने के लिए पत्र लिखा गया है, लेकिन शासन से पैसा नहीं मिला है। मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए अस्थायी कोविड अस्पताल के लिए कनेक्शन जारी किया गया था।

डीआरडीओ की ओर से कराया था निर्माण  

मई 2021 में डीआरडीओ की ओर से तैयार किए गए अस्थायी अस्पताल की क्षमता 750 बेड की थी। इसमें 500 सामान्य और 250 बेड आइसीयू के थे। अस्पताल में आक्सीजन की भी दो लाइन से निर्बाध आपूर्ति की जा रही थी। इसके लिए तीन आक्सीजन प्लांट लगाए गए थे।

निर्माण के लिए 28 अप्रैल को त्रिदेव कंस्ट्रक्शन को डेढ़ करोड़ रुपये में टेंडर दिया था। बिजली विभाग ने लाइन अपने खर्चे पर बनवाई थी। इसके बाद विभाग ने लगभग 9 हजार किलोवाट का कनेक्शन जारी कर दिया। इसके लिए बिजली विभाग ने पैसा जमा नहीं कराया। मंडलायुक्त की ओर से 19 अप्रैल वर्ष 2021 में हुई बैठक की कार्यवृत्ति क-बिंदु संख्या-4 में अस्पताल के खर्च का भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से किया जाना अंकित है। 

उस वक्त देश कोरोना जैसी गंभीर आपदा से गुजर रहा था, इसलिए पहले लाइन निर्माण कराने और कनेक्शन जारी करने का फैसला लिया गया था। बाद में भुगतान होने की बात कही गई थी। इस पर विजली विभाग राजी हो गया था। यह कनेक्शन डॉ. दीनदयाल उपाध्याय के एआईईसी के नाम दिया गया था। निर्माण के करीब एक साल बाद कोरोना की तीसरी और चौथी लहर हल्की होने के बाद अस्पताल हटा लिया गया था।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे वाहन स्वामी,चालक

कोरोना काल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय जिला वाराणसी से सैंपल कलेक्शन के लिए चली मैजिक वाहन के यूपी सरकार द्वारा अप्रैल 2022 से 12 अक्टूबर 2022 तक का भुगतान नही हुआ है, जिससे सैकड़ो वाहन स्वामी और उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझकर तिल - तिल मर रहे है। 

वही मेमर्स सिमरन ट्रेवल्स के स्वामी और स्वास्थ्य विभाग के वेंडर दीपक गुप्ता बताते हैं कि जिला आपदा प्रबंधन समिति द्वारा कोरोना काल में संचालित वाहन का भुगतान शासन स्तर पर लंबित हैं। जो आज तक अप्रैल 2022 से 12 अक्टूबर 2022 तक का भुगतान नही हुआ है। जिसके कारण कुछ वाहन स्वामीयो का दिन ब दिन पारिवारिक स्थितियां बिगड़ रही हैं।

कोरोना महामारी के दौरान जिला आपदा प्रबंधन समिति द्वारा कोरोना वायरस कलेक्शन सैंपल कलेक्शन रोकथाम हेतु टाटा मैजिक वाहन को लगाया गया था, वहीं आपको बताते चलें कि मेमर्स सिमरन ट्रेवल्स के स्वामी दीपक गुप्ता बताते हैं कि मैजिक वाहन का ₹25 हज़ार से अधिक की दर से आपदा प्रबंधन विभाग पर करोड़ों रुपए वाहन का भुगतान लंबित हैं। मीटिंग पर मीटिंग हो रही है लेकिन भुगतान नही हो रहा है।