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5 लाख रुपये के कर्ज पर 1.11 करोड़ रुपये ब्याज सहित वसूला, अब भी 40 लाख की और मांग, पुलिस में मामला दर्ज़ किया तफ़्शीस जारी..

5 लाख रुपये के कर्ज पर 1.11 करोड़ रुपये ब्याज सहित वसूला, अब भी 40 लाख की और मांग, पुलिस में मामला दर्ज़ किया तफ़्शीस जारी..

राजस्थान ब्यूरो। उदयपुर। शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में एक व्यापारी द्वारा 5 लाख रुपये का कर्ज लेने के बाद 1.11 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाने और अब भी 40 लाख रुपये की मांग करने का गंभीर मामला सामने आया है। 

इस संबंध में यशवंत मेवाड़ा नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने चतरसिंह उर्फ चंदर सिंह पिता मदनसिंह चूण्‍डावत निवासी प्रतापनगर पर आरोप लगाया है कि उसने धोखाधड़ी से अत्यधिक ब्याज वसूला और अभी भी मूलधन और ब्याज के रूप में मोटी रकम की मांग कर रहा है।

कैसे हुई शुरुआत?

यशवंत मेवाड़ा, जो अंबामाता मंदिर के पास रहते हैं और मेवाड़ा टायर के नाम से ट्रांसपोर्ट नगर में पुराने टायरों का व्यापार करते हैं, ने बताया कि 2017 में उनकी पहचान चतरसिंह से हुई थी। चतरसिंह ने उन्हें सुझाव दिया कि वे उसकी समिति में सदस्यता लें, ताकि भविष्य में पैसों की जरूरत होने पर आर्थिक मदद मिल सके। इस समिति की समयावधि 15 माह की थी, और प्रत्येक महीने 66,666 रुपये की किस्त भरनी होती थी। चतरसिंह ने यशवंत को आश्वासन दिया कि यदि वह समिति से कोई पैसा नहीं लेता, तो उसे 12 लाख रुपये का भुगतान मिलेगा।

यशवंत ने अगस्त 2017 में 10 लाख रुपये वाली समिति की सदस्यता ली, लेकिन जब उन्हें पैसों की जरूरत हुई, तो आरोपी ने उन्हें केवल 7.30 लाख रुपये ही दिए और शेष 2.70 लाख रुपये को समिति के समाप्त होने पर लौटाने का वादा किया। इसके बाद, चतरसिंह ने उन्हें एक नई समिति में शामिल कर लिया, जहां 5 लाख रुपये की राशि की समिति थी। लेकिन यहां भी यशवंत को केवल 3.10 लाख रुपये ही मिले।

कर्ज का जाल और भारी ब्याज

वर्ष 2019 में यशवंत मेवाड़ा को अपने व्यापार के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ी, जिस पर उन्होंने चतरसिंह से 5 लाख रुपये उधार मांगे। शुरुआत में चतरसिंह ने 1.5% मासिक ब्याज पर पैसा देने का वादा किया। लेकिन बाद में, उसने 20% मासिक ब्याज की मांग की। यशवंत ने जब इस दर पर ब्याज देने से मना किया, तो आरोपी ने उन्हें धमकाया और कहा कि उसे इस दर से ब्याज चुकाना ही पड़ेगा।

जब कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन लगा, तो यशवंत का व्यापार ठप हो गया और वे समय पर ब्याज नहीं चुका पाए। इस दौरान, चतरसिंह ने कहा कि उन पर 15 लाख रुपये का अतिरिक्त ब्याज चढ़ गया है। इस पर यशवंत ने उसे 4 लाख रुपये नकद और 1.36 लाख रुपये चेक से दिए। इसके बाद, यशवंत ने अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक आरोपी को कई किश्तों में कुल 1.11 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो कि मूल 5 लाख रुपये की कर्ज राशि के लिए था।

आरोप: धमकी और गाली-गलौज

यशवंत ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने ब्याज चुकाना बंद किया, तो चतरसिंह उनके घर पहुंचा और उनके साथ गाली-गलौज करने लगा। उसने यशवंत की पत्नी और बच्चों को उठाने की धमकी दी। इतना ही नहीं, चतरसिंह ने 31 अगस्त 2024 को यशवंत को प्रतापनगर स्थित अपने ऑफिस में बुलाया और उसे बंधक बना लिया। साथ ही, उसका वाहन भी छीन लिया।

यशवंत का आरोप है कि जब उनकी पत्नी और रिश्तेदार 7 सितंबर को चतरसिंह के ऑफिस में उनसे मिलने गए, तो वहां भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। चतरसिंह ने यशवंत की पत्नी को धमकाया कि वह गाड़ी में अफीम और डोडा चूरा रखवाकर पुलिस से उन्हें पकड़वा देगा और जेल भिजवा देगा।

धमकियों का सिलसिला जारी

यशवंत मेवाड़ा ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्होंने चतरसिंह को अब तक 1.11 करोड़ रुपये चुका दिए हैं, फिर भी आरोपी अभी भी 40 लाख रुपये का और भुगतान मांग रहा है। यह रकम ब्याज के रूप में मांगी जा रही है। यशवंत ने बताया कि वह इस कारण मानसिक तनाव में आ गए हैं, क्योंकि उन्होंने इस कर्ज को चुकाने के लिए अन्य लोगों से भी लाखों रुपये उधार लिए थे और अब वे पूरी तरह से कर्ज में डूब चुके हैं।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

यशवंत की शिकायत के आधार पर प्रतापनगर पुलिस ने चतरसिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है कि आखिर यह पूरा ब्याज का खेल कैसे चलाया जा रहा था और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे।