वाराणसी ::पांडेपुर लमही में मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की आरती की, जिहादियों को दिया करारा जवाब, बोलीं- एकता का नाम हैं रामलला..
जिला, ब्यूरो। वाराणसी जिले के पांडेपुर लमही सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं ने नफरती जिहादियों को काशी से करारा जबाव दिया। मुस्लिम महिलाओं ने अपने हाथों से रंगोली बनाई, भगवान श्रीराम की प्रतिमा को पुष्पों से सजाया और उर्दू में लिखी राम आरती का गायन करते हुए भगवान की आरती उतारी। जलते हुए दियों से जब भगवान श्रीराम की आरती की जा रही थी तब यह संदेश पूरी दुनिया को जा रहा था कि राम नाम का दीपक ही दुनिया से नफरत के अंधकार को खत्म कर सकता है।
पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज ने श्रीराम स्तुति की, आरती में मुस्लिम महिलाओं का साथ दिया और भेदभाव खत्म करने का संदेश दिया। हिन्दू और मुसलमानों को एक दूसरे के करीब लाने, दिलों को जोड़ने और सांस्कृतिक एकता की स्थापना के लिये मुस्लिम महिलाओं का यह प्रयोग सबसे कारगर साबित हुआ।
नाजनीन अंसारी ने फिलिस्तीन, इजराइल, लेबरान, सीरिया, यूक्रेन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर भगवान श्रीराम भक्ति का प्रचार-प्रसार करने की सलाह दी है। इससे युद्ध खत्म होंगे, शांति आएगी और देश के नागरिक मानवता का पाठ सीखेंगे।
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि हिन्दू और मुसलमानों के दिलों के बीच प्रेम और सद्भावना का रामसेतु बनाना होगा। प्रभु श्रीराम को लेकर दुनिया के लोग विचार कर रहे हैं। अपने परिवार और देश को बचाने के लिये राम नाम का ही सहारा है।
कार्यक्रम में डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, आभा भारतवंशी, खुर्शीदा बानो, रौशनजहां, नूरजहां, हफिजुननिशा, अजीजुननिशा, सायना, नरगिस, रुकैया बीबी, जुलेखा बीबी, नगीना बेगम, सरोज, गीता, पूनम, उर्मिला, किसुना, इली, खुशी, उजाला, दक्षिता भारतवंशी आदि लोग शामिल रहीं।
इजराइल और फिलिस्तीन राम के रास्ते पर चलें
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि शांति स्थापना के लिए अनिवार्य शर्त भगवान श्रीराम का आदर्श और रामराज्य है. रामराज्य की परिकल्पना लोगों को भेदभाव से मुक्त कर सकती है और सबको गले से लगाकर स्वीकार कर सकती है. इजराइल और फिलिस्तीन दोनों को भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलना चाहिए।
राम के चरित्र की शिक्षा दें
यदि भारत का मुसलमान सबके बीच में प्रिय होना चाहता है तो अपने घरों में राम के चरित्र की शिक्षा दे. मजहब केवल अलग है, लेकिन भारत का हर मुसलमान पूर्वजों, परम्पराओं और संस्कृति से एक ही है. भगवान राम ही पूरी दुनिया के पूर्वज हैं. उनके रास्ते पर चलकर ही दिलों में प्रेम और भावना विकसित होगी. अब रामभक्ति का प्रसार मुस्लिम देशों में हो और दुनिया को शांति के रास्ते पर जाने में मदद मिले।
मुस्लिम महिलाओं ने गाया उर्दू में श्रीराम आरती
तिलावत करते हैं, हर खास ओ आम
रोजाना हम जिनका, लेते हैं नाम
रहम करने वाले हैं, वो हैं करीम, अपने श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, हैं धर्म की जान
हिंद की अवाम समझे, इनको ही हिंद की शान
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
जर्रे-जर्रे में जिनका, लिखा है नाम
रहते हैं वो, हर दिल में हमारे श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
मुल्की-गैर मुल्की जिनका, खोजते हैं धाम
जान ले हर कोई, अयोध्या के हैं श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
अयोध्या है हमारे जियारत गाह का नाम
रहते हैं वहां मालिक-ए-कायनात श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
आओ मिलकर हम सब करें उनको सलाम
तकलीफ और गरीबी, दूर करते श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।
जो लेता है, उनका सौ बार नाम
रहम करते हैं उस पर, हमारे श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।