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बनारस में होटल-रेस्तरां कस्टमर की काट रहे जेब, सर्विस चार्ज लेना गैरकानूनी, फिर भी वसूल रहे है पांच फीसद तक टैक्स, कोई गाइडलाइन नहीं...

बनारस में होटल-रेस्तरां कस्टमर की काट रहे जेब, सर्विस चार्ज लेना गैरकानूनी, फिर भी वसूल रहे है पांच फीसद तक टैक्स, कोई गाइडलाइन नहीं...

वाराणसी जिला, ब्यूरो। अपनी फैमिली के साथ क्वालिटी समय बिताना हर किसी को पसंद है। इसके लिए हम अपनी छुट्टी के दिन फैमिली और फ्रेंड्स के साथ समय बिताने के लिए होटल और रेस्तरां में जाते हैं लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि रेस्टोरेंट कई तरह के सर्विस चार्ज लगा देता है जो कि हमें पे करना पड़ता है। 

सीसीपीए ने नई गाइडलाइंस जारी की थी। इसके तहत होटल और रेस्तरां के बिल में सर्विस टैक्स बैन कर दिया गया था, ताकि होटल और रेस्तरां में जाकर खाना पसंद करने वाले लोगों को राहत मिले। हालांकि कुछ दिन से लोगों की शिकायत आ रही है कि वाराणसी के कई रेस्टोरेंट सर्विट टैक्स वसूलते हैं। इसको लेकर केसरी न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने रियलिटी चेक किया, जिसके बाद पता चला कि वाराणसी के कई रेस्टोरेंट लोगों से 5 फीसदी तक सर्विस टैक्स वसूल रहे हैं। 

5 परसेंट तक ले रहे सर्विस चार्ज

सर्विस चार्ज खाने के बिल के साथ जोड़कर दिया जाता है, लेकिन आप इस चार्ज को देना चाहते हैं या नहीं यह सिर्फ आपके ऊपर निर्भर करता है। दरअसल, हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की थी। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए द्वारा जारी गाइडलाइन में बताया गया था कि किसी भी कस्टमर को सर्विस टैक्स भरने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, लेकिन उसके बाद भी लोगों से जबरदस्ती सर्विस टैक्स वसूला जा रहा है।

केस-नंबर 1

शुक्रवार को जब केसरी न्यूज़ नेटवर्क की टीम लंका स्थित एक कैफे में पहुंची तो हक्का नूडल्स आर्डर किया, जिसका रेट 325 रुपये था, लेकिन कैफे वाले ने खाने के बिल में 5 परसेंट सर्विस टैक्स शामिल करके बिल दिया। सीजीएसटी व एसजीएसटी मिलाकर 358 का बिल दिया। 2.5 परसेंट सीजीएसटी और 2.5 परसेंट एसजीएसटी एड किया, जिसके बारे में जब स्टाफ से पूछा तो उन्होंने कहा कि सर्विस टैक्स पे करना पड़ेगा।

केस-नंबर 2

सुंदरपुर रोड स्थित अंगीठी रेस्टोरेंट का भी यही हाल था। उन्होंने खाने के साथ 2 परसेंट तक जीएसटी एड कर दिया, जिसके बारे में मीडिया द्वारा पूछने पर स्टाफ ने कहा कि जीएसटी देना कंपलसरी है। सभी लोग देते हैं और ये रेस्टोरेंट का रूल है। जीएसटी लेने के बाद भी लोगों से सर्विस टैक्स वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं लोग खुलेआम बिल में भी सर्विस टैक्ट एड करके दे रहे हैं । पब्लिक द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।

क्या है गाइडलाइन 

नई गाइडलाइन के अनुसार, आप किसी भी होटल या रेस्तरां में खाना खाने के बाद सर्विस टैक्स दें, ऐसा जरूरी नहीं है। यह चार्ज वॉलंटरी है। इसके साथ-साथ रेस्तरां को भी अपने बिलिंग के समय सर्विस चार्ज के बारे में जानकारी देना जरूरी है। 

मंत्रालय के अनुसार होटल और रेस्टोरेंट में दिए जाने वाले खाने की कीमत में सर्विस चार्ज पहले से ही मौजूद होता है। सीसीपीए का कहना है कि इस आदेश के बाद अगर किसी कस्टमर से जबरदस्ती सर्विस टैक्स वसूला जाता है तो वह ईदाखिल.एनआईसी.इन पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके बाद रेस्तरां के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

ये है नियम 

-यह गाइडलाइंस सभी रेस्तरां के लिए है। ऐसे में कोई भी होटल अपने अलग नियम नहीं बना सकता है।

-जबरदस्ती टैक्स वसूलने पर कोई भी ग्राहक ईदाखिल.एनआईसी.इन पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकता है।

-जिला कलेक्टर, जिलाधिकारी, जिला स्तर पर जाकर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

-रेस्तरां के बाहर हमारे यहां सर्विस टैक्स वसूला जाता है, जैसा बोर्ड भी नहीं लगाया जा सकता है।

अधिकारियों के पास इसका नहीं जवाब 

इस मामले को लेकर जब एडीएम सिटी आलोक वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में एडीएम प्रोटोकॉल विकास चंद से बात करिए, वह इसकी जानकारी देंगे। जब विकास चंद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एडीएम सिटी आलोक वर्मा से बात करिए. दोनों एक-दूसरे से बात करने के लिए टालते रहे, जिससे मामला सुलझ नहीं पाया।