सारनाथ जू में बनेगा प्रदेश का दूसरा जलज केंद्र, गंगा के वेस्ट से बने सामान की होगी बिक्री...
वाराणसी ब्यूरो। नमामि गंगे परियोजना के तहत सारनाथ जू में 25 लाख की लागत से प्रदेश का दूसरा जलज केंद्र बनाया जा रहा है। पहला जलज केंद्र कानपुर मे है। इसके बन जाने से जू का अपना स्वयं का केंद्र होगा, जहां जानवरों और पक्षियों से जुड़ी हर जानकारी रखी जाएगी।
इसके साथ ही गंगा के किनारे बसे गांवों का विकास किया जाएगा। गामीणों द्वारा बनाए गए वस्तुओं की बिक्री होगी। साथ ही उनके द्वारा बनाए गए सामान की बिक्री जू घूमने आए मेहमानों को की जाएगी। इसके लिए कुछ न्यूनतम राशि रखी जाएगी। जिससे हर कोई उनके समान को खरीद सके।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और डब्लूआईआई परियोजना के तहत इसको बनाया जा रहा है। जलज स्टॉल पर उपस्थित टीम उत्पादों के महत्व के बारे में लोगों को जानकारी देगी और यह भी बताएंगी कैसे ये सभी पर्यावरण के अनुकूल हैं। इन उत्पादों का निर्माण स्थानीय समुदाय द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
गंगा किनारे रहने वाले ज्यादातर लोग गंगा में पड़े वेस्ट से अच्छे-अच्छे सामान बनाते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में चीजों की ब्रिकी स्वयं नहीं कर पाते है। इस केंद्र को हफ्ते में छह दिन खोला जाएगा और शुक्रवार को बंद किया जाएगा।
केंद्र पर ऑर्गेनिक उत्पाद, हाथ से बने हुए डिजाइन, हस्तशिल्प, नक्काशी, बैग, साड़ी, आचार, शहद, धूपबत्ती, जानवरों से जुड़ीं किताबें, विदेशियों के लिए अलग से गिफ्ट की ब्रिकी की जाएगी।
लोगों को दी जाएगी ट्रेनिंग
डब्लूआईआई के अधिकारी ने बताया कि गंगा किनारे रहने वालों लोगों की पहली टीम बनाई जाएगी, इसके बाद उनको आवश्यकतानुसार ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे वह अच्छा समान बना सके। इसके बाद उनकी देखरेख में ही समान बनाया जाएगा और उसकी बिक्री की जाएगी।