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सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम आज भी डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर..अंदर बनी बिल्डिंग का नाम वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स.. विवाद पर बोले कमिश्नर...

सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम आज भी डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर..अंदर बनी बिल्डिंग का नाम वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स.. विवाद पर बोले कमिश्नर...

वाराणसी, ब्यूरो। सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम आज भी डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर ही है। केवल अंदर बनी बिल्डिंग का नाम वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स किया गया है। यह कहना है मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा का। उन्होंने कहा कि कुछ लोग काशीवासियों के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं कि सिगरा स्टेडियम का नाम बदल दिया गया है। वहीं, नाम बदला नहीं और धरना-प्रदर्शन किया जाने लगा है।

उन्होंने कहा, आज तक स्पोर्ट्स प्राधिकरण ने नाम बदलने की कोई सिफारिश नहीं की है। साजन तिराहे से सिगरा जाने वाले मार्ग पर सिगरा स्टेडियम का मुख्य द्वार है। यहां पर मुख्य गेट का निर्माण होना बाकी है। जिसपर डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम सिगरा नाम रहेगा। मेयर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर ही सिगरा स्टेडियम का नाम है। इस प्रकार का भ्रम फैलाने वालों को पूरी जानकारी कर लेनी चाहिए। 

नहीं बदला है स्टेडियम का नाम: राज्यमंत्री

आज उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार)रविंद्र जायसवाल ने सिगरा स्थित डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम बदलने पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम नहीं बदला गया है। किसी भी बड़े संस्थान के नाम बदलने की एक प्रक्रिया होती है।

सिगरा स्टेडियम का नाम बदलने से खफा सपा ने किया विरोध

डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स सिगरा स्टेडियम का नाम वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स करने से खफा सपा ने विरोध जताया। सोमवार को सिगरा स्टेडियम के मुख्य गेट पर धरना देकर समाजवादी पार्टी द्वारा पूर्ववत डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर करने की मांग की गई। सपा के स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम तृतीय आनंद मोहन उपाध्याय को सौंपा। 

चित्रगुप्त सभा काशी ने जुलूस निकालकर जताया था विरोध

काशी के समस्त कायस्थ संस्थाओं ने पूर्व मुख्यमंत्री संपूर्णानंद के नाम पर स्थापित सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम बदलकर वाराणसी स्पोर्ट्स स्टेडियम करने पर विरोध जताया था। सोमवार को महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक से पदयात्रा निकालकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था।