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बेटियों ने अफसर बनकर सुनी फरियाद, समाधान का दिया आश्वासन, बेहिचक निभाई अधिकारीयो की जिम्मेदारी, बनी डीएम, एसपी, सीडीओ...

बेटियों ने अफसर बनकर सुनी फरियाद, समाधान का दिया आश्वासन, बेहिचक निभाई अधिकारीयो की जिम्मेदारी, बनी डीएम, एसपी, सीडीओ...

आजमगढ़, जिला ब्यूरो। न सदर तहसील, समय करीब 12 बजे थे। एक-एक कर फरियादियों के नाम पुकारे जा रहे थे। बड़े गौर से फरियादियों की समस्याएं सुनी गईं। इसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारी को बुलाकर उन्हें समस्या से अवगत कराते हुए जल्द से जल्द समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए। "समय था संपूर्ण समाधान दिवस का"। जहां पर मिशन शक्ति फेज-5 के तहत एक दिन के लिए अंशिका सिंह डीएम, संजू यादव एसपी और प्रज्ञा मौर्या सीडीओ बनकर बेहिचक होकर अपनी जिम्मेदारी निभाई।

मुख्यमंत्री द्वारा तीन अक्टूबर से महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति फेज-5 की शुरुआत की गई है। शासन के निर्देश पर जिले में शनिवार को तहसील दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें जिला प्रोबेशन विभाग की पहल पर शहर के प्रतिभा निकेतन इंटर कालेज में पढ़ाई कर रही छात्राओं को एक दिन के लिए डीएम, एसपी व सीडीओ बनाया गया। 

कम्हेनपुर गांव निवासी कक्षा नौ की छात्रा अंशिका सिंह को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठाया, करतालपुर गांव निवासी संजू यादव को पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने अपनी कुर्सी पर बैठाते हुए पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। 

वहीं गोविंदपुर गांव निवासी प्रज्ञा मौर्या को मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना ने अपनी कुर्सी पर बैठाया। सभी अधिकारियों ने विभाग की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। तीनों बेटियों ने बेहिचक होकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। फरियादियों की समस्याओं को सुना और अधीनस्थों को संबंधित समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। 

डीएम-एसपी बनना चाहती हैं अंशिका और संजू

डीएम बनी अंशिका सिंह आईएएस तो संजू आईपीएस अधिकारी बनाना चाहती है। दोनों डीएम व एसपी की भूमिका निभा कर बेहद खुश हैं। अंशिका सिंह के पिता मनोज सिंह भी बेटी को पढ़ा लिखाकर आईएएस बनाना चाहते हैं तो संजू के कुसुमाकर यादव भी अपनी बेटी को आईपीएस बनाने का सपना संजो रहे हैं। दोनों का कहना है कि डीएम व एसपी की कुर्सी पर बैठकर उन्हें इस जिम्मेदारी का पता चला।