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'संस्कारों से ही सनातन धर्म की रक्षा संभव', काशी में बोले विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय...

'संस्कारों से ही सनातन धर्म की रक्षा संभव', काशी में बोले विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय...

लखनऊ राज्य, ब्यूरो। विश्व हिंदू परिषद की ओर से सिगरा के कैवल्यज्ञान मंदिर में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई। इसमें विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि संस्कारों से ही सनातन धर्म की रक्षा संभव है। समाज में अनुसूचित जाति और जनजातियों के बीच हो रहे धर्मांतरण पर चिंता जताते हुए कहा कि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए धर्म का प्रसार आवश्यक है।

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना और सामाजिक परंपराओं का निर्वाह संस्कारों के माध्यम से ही किया जा सकता है। धार्मिक स्वतंत्रता और हिंदू धर्म की अस्मिता की रक्षा भी संस्कारों से ही संभव है। बैठक में संतों ने धर्मांतरण को रोकने, सामाजिक समरसता के प्रसार और हिंदू समाज के एकत्रीकरण पर विस्तार से विचार विमर्श किया। 

अध्यक्षता करते हुए शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि संस्कार ही हमारी संस्कृति की आधारशिला है। इस दौरान महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद, जगतगुरु शंकराचार्य ज्ञान आनंद तीर्थ, श्यामसुंदर दास, संतोष दास, रामानुजाचार्य हसानंद, राम हृदय दास, बालक दास आदि ने विचार रखे। संचालन विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी ने किया। 

बैठक में विहिप के केंद्रीय संरक्षक दिनेश, केंद्रीय मंत्री हरिशंकर, क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री नितिन, क्षेत्र धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जितेंद्र, आद्या शंकर, दिवाकर नाथ त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। बैठक में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से 150 से अधिक प्रमुख संतों ने भाग लिया।