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लिथुआनिया के हेनरिक्स वाराणसी में बने केशव, छोड़ा ईसाई धर्म-सिद्धगिरीबाग स्थित ब्रह्म निवास मठ में मंत्रोंच्चार के बीच की घर वापसी की...

लिथुआनिया के हेनरिक्स वाराणसी में बने केशव, छोड़ा ईसाई धर्म-सिद्धगिरीबाग स्थित ब्रह्म निवास मठ में मंत्रोंच्चार के बीच की घर वापसी की...

- सड़क हादसे में घायल होने पर स्वप्न में भगवान कृष्ण के दिखने पर सनातन धर्म के प्रति आस्था

वाराणसी, ब्यूरो 17 अक्टूबर। भगवान कृष्ण से प्रभावित यूरोप महाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित लिथुआनिया देश के नागरिक हेनरिक्स ने ईसाई धर्म छोड़ सनातन धर्म अंगीकार कर लिया।गुरुवार को काशीपुराधिपति की नगरी वाराणसी में हेनरिक्स विधिवत केशव बन गए। सिद्धगिरीबाग स्थित ब्रह्म निवास मठ में मंत्रोंच्चार के बीच हेनरिक्स ने ईसाई धर्म को छोड़कर सनातन धर्म में घर वापसी की। 

हेनरिक्स ने बताया कि लिथुआनिया में एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद उन्हें स्वप्न में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन हुए और वे प्रभावित होकर गीता पढ़ने लगे। भारतीय अध्यात्म से प्रभावित होकर सनातन धर्म से जुड़ने की इच्छा लेकर वाराणसी आ गए। काशी में हेनरिक्स ने सनातन धर्म में दीक्षा, घर वापसी अखिल भारतीय संत समिति के महामन्त्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामन्त्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी की देखरेख में ली। सनातन धर्म में वापसी के बाद हेनरिक्स का नाम केशव और उनका गोत्र कश्यप रखा गया।

दीक्षा कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, सुरेश दीक्षित, बाल दत्त पांडे (जिला उपाध्‍यक्ष भाजपा), आयुषी सरकार, चुमकी सरकार भी मौजूद रहे। घर वापसी में आचार्य के रूप में अनूप शर्मा एवं कमलेश महाराज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।सिद्धगिरीबाग स्थित ब्रह्म निवास मठ में मंत्रोंच्चार के बीच हेनरिक्स ने ईसाई धर्म को छोड़कर सनातन धर्म में घर वापसी की।