Headlines
Loading...
बाइक स्टंट रीडिंग में बाबा शाहमल कें आठवें वंशज फौजी सुमित तोमर कर रहे बागपत जिले का नाम रोशन...

बाइक स्टंट रीडिंग में बाबा शाहमल कें आठवें वंशज फौजी सुमित तोमर कर रहे बागपत जिले का नाम रोशन...

बाबा शाहमल कें वंशज फौजी सुमित तोमर कर रहे बागपत का नाम रोशन

- बाईक स्टंट राईडिंग में इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड व एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है फौजी सुमित तोमर का नाम

- 1857 की क्रांति के महानायक वीर शहीद बाबा शाहमल की आठवीं पीढ़ी से आते है फौजी सुमित तोमर

बागपत, उत्तर प्रदेश। रिपोर्ट, विवेक जैन। 
जनपद बागपत का बिजरौल गांव 1857 की क्रांति के महानायक वीर शहीद बाबा शाहमल जी का जन्म स्थान होने के कारण देश ही नही विदेशों तक में जाना जाता है। वीर शहीद बाबा शाहमल जी के वंशज भी बाबा शाहमल जी के नक्शे कदमों पर चलते हुए बिजरौल गांव का नाम देशभर में रोशन कर रहे है। 

बाबा शाहमल के इन्ही वंशजों में से एक फौजी सुमित तोमर पुत्र रमेश फौजी इज्जत परिवार ने भारतीय सेना की ओर से स्टंट राईडिंग में अनेको रिकार्ड बनाये है और बिजरौल गांव का नाम देशभर में रोशन किया है। सुमित तोमर ने वर्ष 2016 में पारस पब्लिक स्कूल करनाल हरियाणा से 12 वीं की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 2017 में उनका चयन भारतीय सेना में हो गया। वर्ष 2018 में इन्होने 5 किलोमीटर की मैराथन को मात्र 16 मिनट में पूर्ण करके बैस्ट प्लेयर का खिताब हासिल किया। 

सुमित तोमर का नाम 70 से 80 की स्पीड़ में 5 बाईक पिरामिड़ और इसी स्पीड़ में 7 बाईक पिरामिड़ बनाते हुए इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड व एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है। वर्तमान में सुमित तोमर येलाहंका एयरफोर्स स्टेशन बैंगलोर में तैनात है। सुमित तोमर अपनी समस्त उपलब्ध्यिों का श्रेय अपने माता-पिता, गुरूजनों, ग्रामवासियों और बाबा शाहमल को देते है। सुमित तोमर ने बताया कि वह वीर शहीद बाबा शाहमल की आठवीं पीढ़ी से है। 

उन्होंने बाबा शाहमल तक की अपनी स्वयं से शुरू होकर बाबा शाहमल तक की अपनी पीढ़ियों के नामों के बारे में बताया कि सातवीं पीढ़ी में उनके पिता रमेश फौजी, छठी पीढ़ी में बाबा सुखवीर सिंह, पांचवीं पीढ़ी में बाबा रिसाल सिंह, चौथी पीढ़ी में बाबा भरत सिंह, तीसरी पीढ़ी में बाबा इज्जत, दूसरी पीढ़ी में बाबा मैदाराम और पहली पीढ़ी में वीर शहीद बाबा शाहमल आते है। 

आगे उन्होंने कहा कि उनको गर्व है कि वे बाबा शाहमल के वशज है जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजी साम्राज्य को हिला दिया था। कहा की सेना में रहकर देशसेवा करने से वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते है।