Headlines
Loading...
रिश्वत में देने गाय लेकर SDM कार्यालय पहुंची महिला बाबू पर लगाया 50 हजार मांगने का आरोप, देखने वालों ने पकड़ लिया माथा...

रिश्वत में देने गाय लेकर SDM कार्यालय पहुंची महिला बाबू पर लगाया 50 हजार मांगने का आरोप, देखने वालों ने पकड़ लिया माथा...

जिला ब्यूरो, टीकमगढ़। जिले के बल्देवगढ़ नगर में भ्रष्टाचार का एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एसडीएम कार्यालय में जमीन पर स्टे के लिए पहुंची महिला तो उसे रिश्वत मांगी गई। जब महिला ने घूस देने से मना कर दिया.वहीं दबंग लगातार उसकी जमीन पर कब्जा करते रहे। गुरुवार को महिला रिश्वत के रूप में गाय को एसडीएम कार्यालय पहुंची।

पीड़ित महिला रामकुंवर लोधी ने बताया कि वह केलपुरा गांव की रहने वाली है और उसकी जमीन पर गांव के ही दबंग प्रमोद ने कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत वह थाने लेकर पहुंची थी तो पुलिसवालों ने कहा कि आप एसडीएम कार्यालय से स्टे ले लीजिए। लेकिन वह पिछले आठ दिन से लगातार एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगा रही है  वहीं एसडीएम के बाबू स्टे के लिए 50,000 रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जो देने में सक्षम नहीं है।

पीड़िता ने कहा कि वह तहसीलदार और एसडीएम को कई बार आवेदन दे चुकी है. लेकिन उसे स्टे के दस्तावेज नहीं दिए जा रहे हैं. क्योंकि जमीन पर कब्जा करने वाले प्रमोद दबंग व्यक्ति हैं और सत्ता से जुड़े हुए हैं. लेकिन उस गरीब महिला की सुनने वाला कोई नहीं है। आखिरकार यह महिला रिश्वत के तौर पर गाय को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंची। 

गुरुवार दोपहर एसडीएम कार्यालय महिला गाय को अपने साथ में लेकर पहुंची। उसका कहना है कि उसके पास इतने रुपए नहीं है कि वह अपनी जमीन पर अवैध निर्माण के स्टे के लिए पैसे दे सके। उसका सीधा आरोप है कि कार्यालय के बाबू द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। जब वह गाय लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंची तो देखने वाले दंग रह गए और उसने तहसीलदार की जीप के सामने गाय को बांध दिया।

उसने कहा कि अगर स्टे नहीं मिला तो वह आग लगाकर आत्महत्या कर लेगी। इस घटना से स्पष्ट हो जाता है कि ग्रामीण अंचलों में सरकार भले ही दावा कर ले कि राजस्व विभाग में रिश्वत नहीं चल रही है। लेकिन टीकमगढ़ में भ्रष्टाचार का ये खेल खुलेआम चल रहा है। जिसकी यह एक बानगी है। ऐसा नहीं है कि टीकमगढ़ जिले के कलेक्टर या अधिकारियों की उसकी जानकारी नहीं है। सब कुछ उनके संज्ञान में होता है। अगर नहीं तो ऐसे रिश्वतखोर बाबू को सरकारी नौकरी से ही मुअत्तल कर दिया जाए।