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डोमरी में 20 नवंबर से होने वाली शिव महापुराण कथा में पांच लाख से अधिक आयेंगे श्रद्धालु , 3 शिफ्ट में ड्यूटी करेंगे 1550 पुलिसकर्मी...

डोमरी में 20 नवंबर से होने वाली शिव महापुराण कथा में पांच लाख से अधिक आयेंगे श्रद्धालु , 3 शिफ्ट में ड्यूटी करेंगे 1550 पुलिसकर्मी...

वाराणसी, जिला ब्यूरो। डोमरी में 20 नवंबर से होने वाली शिव महापुराण कथा में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु आएंगे। इसे देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींच लिया गया है। डोमरी में एक एडिशनल एसपी के नेतृत्व में तीन डिप्टी एसपी, 20 इंस्पेक्टर, 130 सब इंस्पेक्टर, 120 कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल और दो कंपनी पीएसी के जवान तीन शिफ्ट में तैनात रहेंगे। सोमवार को कथास्थल पर एक अस्थायी चौकी और पूछताछ केंद्र खोल कर पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई है।

200 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में कथास्थल पर तैनात रहेंगे। 70 सीसी कैमरों से कथास्थल की निगरानी की जाएगी। वहीं, गंगा में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 11 एनडीआरएफ, जल पुलिस और दो कंपनी पीएसी बाढ़ राहत दल के जवान तैनात रहेंगे। आग से सुरक्षा के लिए दो वाहनों के साथ 15 दमकल कर्मी तैनात रहेंगे। सोमवार को कथास्थल का अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. एस चनप्पा, डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल और एसीपी कोतवाली डॉ. ईशान सोनी ने निरीक्षण किया। 

पुलिस अफसरों ने एसीपी कोतवाली और रामनगर थानाध्यक्ष को कहा कि कथा के मद्देनजर रोजाना दोपहर एक बजे से शाम छह बजे तक सुरक्षा, निगरानी और यातायात व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। उधर, इस संबंध में रामनगर थानाध्यक्ष राजू सिंह ने कहा कि कथा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

वाहन पार्किंग के लिए दो स्थान चिह्नित

श्रद्धालुओं के वाहन खड़े करने के लिए दो स्थान चिह्नित किए गए हैं। चारपहिया वाहन राजघाट पुल से उतरकर नीलकंठेश्वर मंदिर के पास खड़े होंगे। वहीं, दोपहिया वाहन उससे आगे हनुमान मंदिर के समीप खड़े होंगे। राजघाट पुल के दोनों छोर पर आदमपुर और रामनगर थाने की पुलिस के साथ ही एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर के नेतृत्व में यातायात पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

नाव से आने वालों श्रद्धालुओं को ई-रिक्शा लेकर जाएगा

शहर की ओर से नाव से कथा सुनने आने वाले श्रद्धालु गंगा उस पार रेत पर उतरेंगे। रेत से उन्हें ई-रिक्शा नि:शुल्क कथास्थल से लगभग सौ मीटर पहले तक ले जाएगा। इसी तरह श्रद्धालुओं के वाहनों को कथास्थल से लगभग 500 मीटर दूर तक ही आने की इजाजत होगी।