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यूपी में फ‍िर सामने आया पीएम आवास योजना में घोटाला, 2.50-2.50 लाख ₹ ले गए लोग, अधि‍कार‍ियों पर होगी बड़ी कार्रवाई...

यूपी में फ‍िर सामने आया पीएम आवास योजना में घोटाला, 2.50-2.50 लाख ₹ ले गए लोग, अधि‍कार‍ियों पर होगी बड़ी कार्रवाई...

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राजधानी से सटे बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजना के तहत 27.50 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। जिला नगरीय विकास अभिकरण(डूडा) के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से 11 आवास बनाए बिना ही फर्जी जियोटैग कराकर 2.50-2.50 लाख रुपये का गबन किया गया है। 

बाराबंकी के जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार द्वारा कराई गई जांच में घोटाला सामने आने के बाद राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक डॉ. अनिल पाठक ने बाराबंकी की परियोजना अधिकारी विजया तिवारी को जिले से हटाकर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 

विजया के साथ ही बाराबंकी के पूर्व परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को आरोप पत्र दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्त पर आए सौरभ वर्तमान में लखनऊ डूडा में परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। सौरभ के खिलाफ चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।

बाराबंकी के जिलाधिकारी ने 12 नवंबर को सूडा निदेशक को डूडा के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) में हुई गड़बड़ी की विस्तृत रिपोर्ट भेजते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। 

जिले के नवाबगंज के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी से कराई गई जांच में परियोजना अधिकारियों के साथ ही आउट सोर्सिंग कर्मचारी अतुल तिवारी, सर्वेयर पंकज, सौरभ, विवेक यादव, सूरज, रवि प्रकाश, आशुतोष पाठक, विकास, शमशेर यादव, एमआईएस आयुष वर्मा, उप जिला समन्वयक राजेश्वर वर्मा, जिला समन्वयक शिवम विश्वकर्मा, सीएलटीसी आशीष चौरसिया आदि को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया है।

दोषि‍यों के खि‍लाफ की जा रही कार्रवाई

सूडा निदेशक डॉ. पाठक ने बताया कि जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए गबन के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि आउटसोर्सिंग आदि के कर्मचारियों को हटा दिया गया है।

व‍िजया त‍िवारी को ज‍िले से हटाया गया

बाराबंकी की परियोजना अधिकारी विजया तिवारी को जिले से हटाकर सूडा से संबद्ध कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इन्हें आरोप पत्र देकर उप निदेशक सूडा को जांच सौंपी गई है। पूर्व के परियोजना अधिकारी सौरभ का आरोप पत्र चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भेजकर कार्रवाई के लिए कहा गया है।

निदेशक ने बताया कि आरोप पत्र का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि घोटाला-गबन में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निदेशक ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह की गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है।