वाराणसी में लहुराबीर क्षेत्र के व्यापारी क्या बोले.. हम दुकानदारी भूल गए, चालान नोटिसों में उलझे आइए जानिए इनका दुःख दर्द Live...
वाराणसी, ब्यूरो। लहुराबीर, बनारस शहर का हृदयस्थल। शहर के प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों में एक। आजादी की लड़ाई और आजाद भारत में समय-समय पर होने वाली राजनीतिक हलचलों का केन्द्र और प्रस्थान बिंदु भी। यानी, यहीं से प्रदर्शन और नामांकन के जुलूस भी निकलते थे। बनारस शहर जब आकार ले रहा था, तब लहुराबीर को उसका प्रवेश द्वार कहा जाता था। वहां के व्यापारी इन दिनों दुकानदारी भूल ट्रैफिक पुलिस के चालान-नोटिसों में उलझे हुए हैं। वे ऐसी गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं जिनके लिए वे न तो जिम्मेदार हैं और न ही जवाबदेह।
काशी में कई 'बीर भी प्राचीन काल से स्थापित हैं। जैसे-लौटूबीर, करमनबीर, कंकड़वा बीर, भोजूबीर, लहुराबीर आदि। जन सामान्य में इनकी ग्राम देवता (डीह) के रूप में मान्यता है। करमनबीर को छोड़ बाकी के नाम से मुहल्ले आबाद हो चुके हैं। उनमें लहुराबीर भी है। उसका चौराहा हर एक वीआईपी, वीवीआईपी का स्वागत स्थल है। कालभैरव और बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन या गंगा आरती देखने दशाश्वमेध घाट जाने वाले वीआईपी दर्शनार्थी का काफिला इसी चौराहे से गुजरता है। तब ट्रैफिक रोकने, चौराहा खाली कराने से कभी परेशानी नहीं हुई मगर अब शहर में कहीं भी ट्रैफिक का लोड बढ़ा तो लहुराबीर से नई सड़क रोड ब्लॉक कर दी जाती है। उसका असर लहुराबीर से मलदहिया, चेतगंज और पिपलानी तक पड़ता है। इन रोडों पर जाम के चलते दुकानदार असहाय हो जाते हैं। क्योंकि कोई ग्राहक उनकी दुकानों के सामने रुक नहीं पाता। लहुराबीर व्यवसायी समिति के अध्यक्ष रजनीश कनौजिया, संरक्षक अजय तुलस्यान कहते हैं - 'हम यातायात कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रहे हैं। किसी एक दुकानदार या शोरूम के मालिक से कसम देकर पूछ लीजिए, वह बिक्री में गिरावट की ही बात करेगा।
आए दिन की रोक पर सवाल
लहुराबीर पर बैरिकेडिंग ट्रैफिक पुलिस करती है जिसकी पास के चेतगंज थाने को अमूमन जानकारी नहीं होती। लहुराबीर व्यवसायी समिति के संरक्षक रूपचंद्र अग्रवाल, महामंत्री दिनेश अग्रवाल, संयुक्त मंत्री चेतन बेरी, राजेन्द्र शास्त्री ने सवाल उठाया कि जब बेनिया में चारपहिया वाहनों के लिए भी पार्किंग है तो लहुराबीर में रोकछेक का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि भीड़ वाले खास पर्व या चेतगंज की नक्कटैया के समय लहुराबीर पर बैरिकेडिंग हो तो कोई आपत्ति नहीं मगर ट्रैफिक पुलिस किसी दिन चारपहिया वाहनों को रोक देती है। चौराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस के सिपाही सफाई देते हैं कि हम तो हुक्म के गुलाम हैं, 'ऊपर के आदेश का अनुपालन करते हैं। वहीं ट्रैफिक विभाग के अधिकारी आए दिन की रोक के बाबत कभी माकूल या तर्कपूर्ण जवाब नहीं देते।
वाहन किसी का, नोटिस दुकानदार को
जाम के झाम से बचने के लिए अमूमन लोग अपनी बाइकें लहुराबीर से चेतगंज, लहुराबीर से मलदहिया ऑटो मार्केट वाली रोड पर दुकानों के सामने खड़ी कर देते हैं। अजय तुलस्यान, राजेश अग्रवाल आदि ने कहा- 'आप घूम कर पूरे मार्केट में देख लें। दुकानों में एक-दो ही ग्राहक मिलेंगे लेकिन उनके सामने एक लाइन से बाइक खड़ी मिलेंगी। वे बाइक बैंकों के ग्राहकों, बिजली का बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं और आईएमए में ब्लड लेनेवालों की होती है। हम किसी को रोकें या टोकें तो झगड़ा मोल ले लें। कई बार विवाद की स्थिति बनती भी है। इसलिए दुकानदारों ने किसी को टोकना लगभग बंद कर दिया है। वहीं ट्रैफिक पुलिस के दरोगा एक ओर से चालान काटना शुरू कर देते हैं। उनमें दुकानदार भी पिसते हैं, लाख यह सफाई देने के बाद भी कि उनके ग्राहकों की बाइकें नहीं हैं।
18 दुकानदारों को एकमुश्त नोटिस
लहुराबीर क्षेत्र के कुछ व्यापारी कुछ माह पहले अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने संबंधित दफ्तर गए तो वहां से जानकारी मिली कि उनके खिलाफ तो यातायात उल्लंघन के आरोप में कई धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत है। ऐसे 18 दुकानदारों को चार साल बाद मुकदमा में नामजद होने की जानकारी हुई। पता चला, किन्हीं दारोगाजी ने दुकानों के सामने खड़ी बाइकों के आधार पर उन दुकानदारों को भी नोटिसों की जद में चुपचाप घसीट लिया था। कुछ व्यापारियों ने मुकदमा स्पंज करा दिया है, कुछ ही प्रक्रिया चल रही है। अंकुर अग्रवाल, हिमांशु गिनोडिया ने कहा कि व्यापार तो चौपट हो ही रहा है, अब हम हर दिन नोटिस को लेकर सशंकित रहते हैं।
नजरें उठाए चल देते हैं
लहुराबीर क्षेत्र के व्यापारियों का दर्द है कि जाम और ट्रैफिक पुलिस के अनावश्यक परेशान करने से ग्राहक अब दुकानों पर रुकना पसंद नहीं करते हैं। वे कपड़ों, रेडीमेड गारमेंट्स, जूता-चप्पल, होम डेकोरेशन से संबंधित सामानों की दुकानों पर नजरें जरूर डालते हैं लेकिन आगे बढ़ लेते हैं। क्योंकि उन्हें बाइक या कार खड़ी करने की जगह नहीं मिलती। कहीं खड़ी भी कर दें तो तुरंत चालान कटने का डर रहता है। यहां तक की सड़क किनारे लगी सफेद पट्टियों के पीछे भी बाइक खड़ी करने पर चालान कट जाता है।
क्वींस कॉलेज है बेहतर विकल्प
व्यवसायी समिति के अध्यक्ष रजनीश कनौजिया के अलावा दिनेश अग्रवाल आदि ने बताया कि कुछ वर्ष पहले जगतगंज जूता मार्केट बनने की बात सामने आई थी। नगर निगम के अफसरों ने वहीं मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने की भी घोषणा की थी। वह मार्केट फिलहाल ठंडे बस्ते में है। पदाधिकारियों ने ध्यान दिलाया कि क्वींस कॉलेज परिसर में काफी जमीन खाली पड़ी है। उसके एक हिस्से में मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण कराया जा सकता है। व्यवसायी समिति ने इस संबंध में नगर निगम को पत्रक भी सौंपा है। पदाधिकारियों के अनुसार, क्वींस कॉलेज की दक्षिणी दीवाल के बाहर रोड किनारे भी दोपहिया वाहनों की पार्किंग बन सकती है।
आईएमए छोड़ कहीं पार्किंग नहीं
लहुराबीर व्यवसायी समिति के दायरे में लगभग पांच सौ दुकानें-शोरूम, एक दर्जन होटल और लॉज हैं। आईएमए की बिल्डिंग बनी है। लहुराबीर क्षेत्र में पांच बैंकों की शाखाएं भी हैं। इनमें आईएमए को छोड़ कहीं पार्किंग का इंतजाम नहीं है। यह एक गंभीर समस्या है।
दो 'माननीय, चार पार्षदों का जंक्शन है ये
लहुराबीर चौराहा शहर उत्तरी और दक्षिणी विधानसभा क्षेत्रों एवं नगर निगम के चार वार्डों का जंक्शन भी है। चौराहा से निकलीं चार सड़कें विधानसभा क्षेत्रों का निर्धारण करती हैं। स्थानीय व्यापारी इन सभी जनप्रतिनिधियों से अपनी समस्याएं साझा करते हैं। महापौर को भी क्षेत्र में बुलाकर एक-एक समस्या से रूबरू कराया है। कई बार नगर निगम के अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी मौका मुआयना कर चुके हैं। रजनीश कनौजिया ने कहा कि सबसे आश्वासन ही मिलता रहा है।
कागज पर समाधान, क्यों न हों परेशान
लहुराबीर-मलदहिया, लहुराबीर-चेतगंज, लहुराबीर-पिपलानी और लहुराबीर-जगतगंज रोड के दोनों ओर जल निकासी के लिए बनी पुरानी नाली सड़क पुननिर्माण और ट्रंक सीवर लाइन की भेंट चढ़ गई। नई बनी भी है तो आधी-अधूरी। सीवर लाइन ध्वस्त पड़ी है। थोड़ी बारिश में भी काशी अनाथालय, आईएमए भवन और पिपलानी रोड पर देर तक जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। राजेश अग्रवाल ने दिखाया भी कि काशी अनाथालय भवन के सामने नालियों का सीवर लाइन से कनेक्शन न होने के कारण हमेशा गंदगी बनी रहती है। वहां सफाई भी नहीं होती। इसके अलावा पूरे बाजार में पेयजल का सार्वजनिक प्रबंध नहीं है। चेतन बेरी ने दिखाया कि बेतरतीब पॉथवे बना देने से दुकानदारों और ग्राहकों को किस तरह समस्या झेलनी पड़ती है। कई दुकानों के फर्श से सड़क का लेवल ऊंचा हो गया है। इससे बरसात में दुकानों में पानी चला जाता है। इस बाबत नगर आयुक्त को उनके कार्यालय में जाकर कई बार पत्रक दिया गया। व्यापारियों को मौके पर समाधान महसूस होने का बेसब्री से इंतजार है।
बंद हो गया आजाद पार्क का फव्वारा
बनारस में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों की बैठक के मद्देनजर लहुराबीर के ऐतिहासिक आजाद पार्क का भी सुंदरीकरण कराया गया। उसके तहत पार्क का फव्वारा हटवा कर नगर निगम ने वहां धौलागिरी पर्वत के नाम से कृत्रिम पहाड़ रखवा दिया। राजेन्द्र शास्त्री, डॉ. प्रसून, एसएनवर्मा और दिनेश अग्रवाल ने ध्यान दिलाया कि तेज गर्मी के दिनों में क्षेत्र के बुजुर्ग लोग, महिलाएं-बच्चे पार्क के फव्वारे के पास बैठते थे। उससे सुंदरता भी थी। अफसरों ने आश्वासन दिया था कि फव्वारा फिर चालू करा दिया जाएगा। वह आश्वासन अभी हवा में ही है।
लोगों की समस्याएं
-पार्किंग सुविधा न होने से लहुराबीर क्षेत्र के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्राहकों की आमद बहुत घट गई है।
- दुकान के बाहर खड़े दोपहिया वाहनों को ग्राहकों का मानकर पुलिस व्यापारी का ही चालान कर देती है। इससे गहरा आक्रोश है।
- लहुराबीर मार्केट में स्थित पांच बैंक, कोचिंग सेंटर और कई स्टे होम वाले मकानों के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।
- लहुराबीर चौराहा के चौतरफा जलनिकासी और सीवर लाइन की सही व्यवस्था नहीं है। मेनहोल ध्वस्त पड़ा है।
- लहुराबीर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस अकारण ही तीन पहिया, चार पहिया वाहन रोक देती है। इससे जाम लगता है।
सुझाव
- लहुराबीर मलदहिया मार्ग पर बंद पड़े पराग बूथ के आसपास या क्वींस कॉलेज में पार्किंग व्यवस्था होनी चाहिए।
- चेतगंज थाना और बिजली विभाग के कैश काउंटर के बीच सफेद पट्टी के पीछे खड़े वाहनों का चालान नहीं होना चाहिए।
- लहुराबीर चौराहे पर लगी लोहे की मोटे पाइप को ढंका जाए, या बाहर निकाला जाए। ताकि राहगीरों, ग्राहकों को चोट न लगे।
- लहुराबीर चौराहे पर बैरिकेडिंग न की जाए। चेतगंज थाने के आगे से डायवर्जन हो या बेनिया तक वाहनों को जाने दिया जाए।
- लहुराबीर चौराहा, पिपलानी कटरा, चेतगंज में पार्किंग की जानकारी के लिए बोर्ड लगाया जाए।
बातचीत का आधार, जानें-
लहुराबीर-बेनिया मार्ग पर बैरिकेडिंग के बाबत ट्रैफिक पुलिस और थाने के बीच समन्वय नहीं रहता।
रजनीश कनौजिया
आजाद पार्क में लगी स्ट्रीट लाइट पेड़ों में छिप गई है जिससे अंधेरा रहता है।
राजेश गुप्ता
पार्किंग की समस्या गंभीर है। अक्सर इसे लेकर थाना पुलिस की नौबत आ जाती है। राजेश अग्रवाल
क्वींस कॉलेज में पार्किंग की व्यवस्था हो जाए तो पूरे क्षेत्र का कारोबार बढ़ेगा।
अंकुर अग्रवाल
सफेद पट्टी के अंदर खड़े वाहनों का भी पुलिस चालान कर देती है।
रूपचंद्र अग्रवाल
दूसरों के वाहन खड़े होने पर प्रतिष्ठानों का चालान हो जाता है, यह उत्पीड़न है।
अजय तुलस्यान
नगर निगम की संभव जनसुनवाई में दस बार शिकायतें की गईं लेकिन समाधान नहीं मिला।
दिनेश अग्रवाल
मलदहिया मार्ग पर नाली के किनारे सफेद पट्टी बना देने से वाहन चालक भ्रमित रहते हैं।
राजेंद्रनाथ शास्त्री
चार साल से सड़क पर लोहे की नुकीली पाइप से आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं।
चेतन बेरी
दशहरा के पहले सीवर लाइन बिछाने के लिए खुदी सड़क की मरम्मत अब तक नहीं हुई है।
प्रदीप अग्रवाल
पार्किंग समस्या का समाधान जल्द हो। इससे मार्केट के सभी व्यवसायी परेशान हैं।
डॉ. प्रसूनदीप
क्वींस कॉलेज के पास पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
शिवप्रकाश, अध्यक्ष लहुराबीर व्यापार मंडल समिति
लहुराबीर-चेतगंज मार्ग पर नाली जाम रहती है, सीवर ओवरफ्लो करता है।
लखन खेमानी, महामंत्री
लहुराबीर-बेनिया मार्ग पर ट्रैफिक चेतगंज से डायवर्ट की जाए।
अनिल शर्मा, मुख्य संरक्षक ।।