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न पर्ची, न टोकन, मोबाइल की फोटो से खड़े करा रहे हैं वाहन, कैंट के वाहन स्टैंड पर जबरन वसूली  बदस्तूर जारी.. पुलिस है खामोश...

न पर्ची, न टोकन, मोबाइल की फोटो से खड़े करा रहे हैं वाहन, कैंट के वाहन स्टैंड पर जबरन वसूली बदस्तूर जारी.. पुलिस है खामोश...

वाराणसी, ब्यूरो। कैंट रेलवे स्टेशन के प्रथम सर्कुलेटिंग एरिया स्थित दुपहिया वाहन स्टैंड में इस समय पर्ची की जगह मोबाइल की फोटो मान्य हो रही है। यात्रियों और रेल कर्मियों को स्टैंड में दुपहिया वाहन रखने के दौरान पर्ची या टोकन नहीं मिल रहा।सिर्फ मोबाइल में वाहन की फोटो क्लिक करनी पड़ रही है।

वापसी के समय यही फोटो देखकर पार्किंग का शुल्क लेकर वाहन छोड़ा जा रहा है। एक हफ्ते से यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इससे यात्री भी हैरत में है। जांच कराई गई तो मालूम चला कि दुपहिया वाहन स्टैंड का टैंडर 15 दिन पहले समाप्त हो गया। इसके बाद भी स्टैंड संचालक यात्रियों से जबरन वाहन पार्किंग शुल्क वसूल रहे हैं। आइए जानिए, किस तरह हावी है कैंट स्टेशन पर जुगाड़ व्यवस्था जो सिर्फ अपने काशी में ही कमिश्नरेट पुलिस की नाक के नीचे देखने को मिलती है।

हर मोड़ पर होती है नाजायज वसूली

कैंट स्टेशन पर पहले भी बम धमाके हो चुके हैं। संवेदनशील शहरों में शामिल है। ऐसे में बिना जांच पड़ताल और बिना आधार के वाहनों को जहां-तहां खड़ा करा दिया जा रहा है। वाहन स्टैंड में कोई भी वाहन खड़ा कर दिया जाता है। कोई पूछने तक नहीं जाता। यही हाल सर्कुलेटिंग एरिया के प्रीपेड पार्किंग का भी है। अनाधिकृत चार पहिया वाहन भी यहां से संचालित होते हैं। स्टेशन के पार्सल समेत सभी मोड़ पर वाहनों से पार्किंग का शुल्क वसूला जा रहा है। ऑटो, ई-रिक्शा, बाइक, कार और यहां तक की रात और सुबह में प्राइवेट बसें भी सवारियां बैठाती हैं। 

स्टैंड संचालक से लाइव बातचीत

रिपोर्टर : भैया, बाइक खड़ी करनी है, दो दिन बाद आएंगे। 
स्टैंड संचालक : ठीक है अंदर रख दीजिए और मोबाइल में बाइक की फोटो भी खींच लीजिए। जब बाइक लेने आइएगा तो यही फोटो दिखाने पर बाइक मिलेगी। 
रिपोर्टर : अरे, यह क्या, पहले तो पर्ची मिलती थी। अब नहीं मिलेगी क्या?
वाहन स्टैंड संचालक : सिर्फ मोबाइल की फोटो ही मान्य होगी। फोटो क्लिक के दौरान जो समय दर्ज होगा, उस समय से जोड़कर ही पैसा लगेगा
रिपोर्टर : यह कैसी व्यवस्था है, पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ।
वाहन स्टैंड संचालक : जहां जाना है वहां जाइए ज्यादा पंचायत मत करिए।