अवैध वसूली करने पहुंचे दो दरोगा, ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा, तीन घंटे तक मेरठ के गांव में मचा रहा घमासान.. देखें फोटोज...
मेरठ जिला, ब्यूरो। परीक्षितगढ़ के गोविंदपुरी गांव में पटाखों की बिक्री की आड़ में दो दरोगाओं पर अवैध वसूली और छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। धक्कामुक्की करते हुए उनकी पिटाई कर दी। सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला किठौर, मवाना और भावनपुर थाने की फोर्स के साथ गांव पहुंचीं और तीन घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों को समझाकर दोनों को बंधनमुक्त कराया। मेडिकल कराने से पहले दोनों दरोगा थाने से फरार हो गए। दोनों ने अपने मोबाइल भी बंद कर लिए।
परीक्षितगढ़ थाने में तैनात दरोगा सतेंद्र और प्रशिक्षु शिवम पर आरोप है कि ये गांव गोविंदपुरी में दीपावली पर पटाखों की बिक्री करा रहे थे। इसके लिए दुकानदारों से अवैध वसूली कर रहे थे। शनिवार शाम भी सतेंद्र अपने साथी दरोगा शिवम के साथ रात्रि में गांव गोविंदपुरी पहुंचे और अवैध वसूली करने लगे। आरोप है कि दोनों ने शराब पी रखी थी। वसूली का विरोध करने पर बुजुर्ग महिला को थप्पड़ जड़ दिया। इसका गांव के ही हरेंद्र ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट कर दी।
इसके बाद पिंटू के घर में घुसकर पटाखे बेचने के नाम पर रकम की मांग की। उसके घर में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान ग्रामीण मकान के बाहर एकत्र हो गए और विरोध करने लगे। आरोप है कि नशे में धुत दरोगा ने ग्रामीणों के साथ अभद्रता करते हुए गाली-गलौज की। उन्हें जेल भेजने की धमकी दे डाली। इससे ग्रामीण उग्र हो गए और दोनों दरोगाओं को बंधक बना लिया। दोनों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट कर दी।
दरोगाओं को बंधक बनाने की सूचना से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। सीओ सदर देहात आनन फानन में परीक्षितगढ़, किठौर, मवाना, भावनपुर आदि थाने से फोर्स लेकर मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दरोगा सतेंद्र कई दिनों से दुकानदारों को परेशान कर रहा था। आए दिन किसी न किसी को डरा-धमकाकर अवैध वसूली करता था। विरोध करने पर जेल भेजने की धमकी देता था। ग्रामीणों ने दोनों दरोगाओं को निलंबित किए जाने और रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। सीओ ने दोनों आरोपी दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। करीब तीन घंटे बाद ग्रामीणों ने दोनों दरोगाओं को छोड़ा।
किठौर थाने से अवैध वसूली की शिकायत पर हटा था सतेंद्र
दरोगा सतेंद्र पूर्व में किठौर थाने में तैनात था। आरोप है कि यहां भी वह अवैध वसूली के लिए चर्चित था। क्षेत्र के गांव राधना, महलवाला, कायस्थ बड्ढा के ग्रामीणों ने उसकी अवैध वसूली की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी। जिस पर तत्कालीन एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने 27 अगस्त 2023 को थाने से हटा दिया था। इसके बाद परीक्षितगढ़ थाने में तैनाती हुई, लेकिन दरोगा अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। यहां आते ही क्षेत्र में अवैध वसूली शुरू कर दी।
खुद को सीओ का खास बताता था दरोगा
दरोगा सतेंद्र क्षेत्र के लोगों से सीओ सदर देहात का खास बताकर अवैध वसूली करता था। कोई कार्रवाई न होने से उसके हौसले बुलंद थे। वह अपने साथी दरोगा शिवम के साथ मिलकर वसूली करने लगा था। परीक्षितगढ़ थाने के अन्य दरोगा भी कस्बे में असामाजिक तत्वों के पास बैठे रहते हैं। इससे कभी भी कस्बे की शांति भंग हो सकती है।
एनआईए की दबिश की सूचना लीक करने का भी आरोप
किठौर थाने में तैनाती के दौरान अवैध वसूली के अलावा कई अन्य आरोप भी लगे। राधना गांव में भारी संख्या में अवैध हथियार बनाकर बेचने की शिकायत पर एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) कई बार दबिश देने आती थी। दरोगा सतेंद्र को इसकी पहले ही खबर होती थी। आरोप है कि वह अवैध हथियार का कारोबार करने वाले लोगों को सूचना देता था। वह पहले ही फरार हो जाते थे। एनआईए टीम को छापामार कार्रवाई के दौरान कुछ नहीं मिलता था।
सीओ सदर देहात करेंगे जांच : एसएसपी
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि मामले की जांच सीओ सदर देहात को सौंपी है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।