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सीतामढ़ी के थाने में मचा बवाल, जनता दरबार के बीच महिला CO और दरोगा के बीच हाथापाई, DM-SP तक पहुंची बात...

सीतामढ़ी के थाने में मचा बवाल, जनता दरबार के बीच महिला CO और दरोगा के बीच हाथापाई, DM-SP तक पहुंची बात...

ब्यूरो, सीतामढ़ी। भारत-नेपाल सीमा पर बसे परिहार प्रखंड की अंचलाधिकारी मोनी कुमारी व थानाध्यक्ष राजकुमार गौतम के बीच मारपीट हुई है। कहा जा रहा है कि जनता दरबार के समापन के बाद थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी के बीच विवाद शुरू हो गया, जो मारपीट में तब्दील हो गया। मिली जानकारी के अनुसार, थानाध्यक्ष ने अंचलाधिकारी को यह कहकर रोकना चाहा कि शराब विनष्टिकरण का काम खत्म करके जाइए। इस पर महिला सीओ मोनी कुमारी का कहना था कि ठीक है सारी तैयारी कराइए तब तक बेला थाने वाले जनता दरबार से निपटकर आ जाती हूं।

मगर थानाध्यक्ष कहने लगे कि नहीं पहले यहां का काम निपटाइए, तब कहीं जाइएगा। इस पर सीओ ने कहा ठीक है तब तक अंचल का कामकाज देखकर आ जाती हूं, यह बात भी थानाध्यक्ष मानने को तैयार नहीं थे। विवाद का यहीं कारण रहा।

इसी बात को लेकर दोनों तरफ से कहासुनी हुई। महिला सीओ मोनी कुमारी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि थानाध्यक्ष ने उन्हें थप्पड़ मारा, धक्का दिया और थाने के हाजत में बंद करने ले जा रहा था। यही नहीं उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां भी दी। धक्का मारते हुए थाने के चौबटिया से नीचे उतार दिया। मोबाइल छीन लिया। थाने के अंदर भी मारपीट की।

सीओ मोनी कुमारी ने कहा कि इसमें थाने के सभी स्टाफ मिले हुए थे, क्योंकि सबको पता था कि शनिवार है तो जनता दरबार में सीओ मैडम आएंगी। उन्होंने कहा कि थाने के उपर वाले रुम में बैठाकर रखा, वहां भी मारपीट की गई। थानाध्यक्ष यह कहकर धमकाता रहा कि एससी/एसटी का केस कर जेल भेज देंगे।

मामले की जानकारी लगते ही पहुंचे डीएम-एसपी

थाना प्रभारी और महिला सीओ के बीच मारपीट की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी रिची पाण्डेय एवं एसपी मनोज कुमार तिवारी तुरंत परिहार पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों से बात की और मामले की जानकारी ली। थाने पर शनिवारीय जनता दरबार के लिए अंचलाधिकारी मोनी कुमारी परिहार थाने पर पहुंची हुई थीं।

इसके बाद उन्हें उसी प्रखंड के बेला थाने पर जनता दरबार में शामिल होना था। भूमि विवाद से संबंधित मामलों के थाने स्तर पर निष्पादन के लिए प्रत्येक शनिवार को सभी थानों पर जनता दरबार आयोजित किए जाते हैं, जिसमें दोनों पक्षों की बातें सुनकर एवं दस्तावेज का अवलोकन करके थानाध्यक्ष एवं अंचलाधिकारी संयुक्त रूप से मामले का निष्पादन करते हैं।

सरकर की कोशिश है कि थाने स्तर पर भूमि विवाद के छोटे-मोटे मामले समझौता के आधार पर निपटाकर शांति एवं सदभाव का वातावरण बनाया रखा जाए। हालांकि, इस दौरान विवाद निपटाने आए लोगों के बीच ही विवाद हो गया। उधर, इस पूरे मामले में थानाध्यक्ष का पक्ष सामने नहीं आ सका है, क्योंकि डीएम-एसपी थानाध्यक्ष से पूछताछ कर उनकी बात भी सुन रहे हैं। सारी घटना थाने में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है।