Headlines
Loading...
NGT ने वाराणसी डीएम से पूछा क्या गंगा का पानी वाराणसी में पी सकते है ? अखिलेश यादव ने किया बीजेपी पर कटाक्ष...

NGT ने वाराणसी डीएम से पूछा क्या गंगा का पानी वाराणसी में पी सकते है ? अखिलेश यादव ने किया बीजेपी पर कटाक्ष...

वाराणसी, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में इन दिनों उप चुनाव के माहौल में किसी भी मुद्दे पर विपक्ष सरकार को छोड़ने के मूड में नहीं है। आज मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंगा को लेकर सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर बीजेपी पर जमकर कटाक्ष किया है। दरअसल NGT के द्वारा सोमवार को वाराणसी में गंगा की सहायक नदी वरुणा और अस्सी को लेकर किए गए सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी एस.राज.लिंगम से पूछा क्या आप वाराणसी में गंगा का पानी पी सकते है? इस सवाल का जिलाधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था। ऐसे में NGT के सख्त सवालों को लेकर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज करते हुए आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में गंगा सफाई के लिए अरबों रुपए निकाले तो गए, लेकिन वह गंगा घाट तक नहीं पहुंचा।

NGT ने वाराणसी डीएम से गंगा सफाई को लेकर लिए कई कड़े सवाल, डीएम भी हो गए हैरान

सोमवार को गंगा की सहायक नदी वरुणा और अस्सी को लेकर हुए वर्चुअल सुनवाई के दौरान NGT के आदेश पर वाराणसी के जिलाधिकारी भी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान सहायक नदियों पर अतिक्रमण सहित गंगा को लेकर NGT ने गंगा सफाई को लेकर सख्त मौखिक टिप्पणी किया। अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अनुसार NGT ने पहले डीएम से उनके कार्यकाल 2 वर्षों में गंगा सफाई के लिए क्या -क्या कार्य किए गए इसके बारे में पूछा और साथ ही कहा कि क्या वह (डीएम) गंगा का पानी वाराणसी में पी सकते है? यदि ऐसा है नहीं है, तो वाराणसी के घाटों पर बोर्ड क्यों नहीं लगवाया गया कि गंगा का पानी पीने ( आचमन) करने और नहाने लायक नहीं है। अधिवक्ता ने बताया कि इन सवालों से जिलाधिकारी भी हेल्पलेस मशहूस कर रहे थे और शासन के आदेश के पालन करने की बात कह रहे थे, लेकिन NGT ने कहा कि डीएम के पास पॉवर है वह उस पर काम करे ना कि हेल्पलेश हो। वही इस मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को नियत की गई है।

अखिलेश यादव ने NGT के सवालों अविरल गंगा,निर्मल गंगा का बताया सच

मंगलवार को अखिलेश यादव ने गंगा सफाई को लेकर NGT के द्वारा किए गए टिप्पणी पर बीजेपी पर कटाक्ष किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि "जिन्होंने माँ गंगा से झूठ बोला, उनके वादों पर न जाएं। 'नमामि गंगे' व 'स्वच्छ गंगा' के नाम पर भाजपा सरकार में पिछले 10 वर्षों में अरबों रुपयों के फ़ंड निकाले तो गये पर वो फ़ंड माँ गंगा के घाट तक नहीं पहुँचे। फ़ाइलों में गंगा जी के स्वच्छ, अविरल, निर्मल होने के दावों का सच ये है कि वाराणसी में माँ गंगा इतनी दूषित हो चुकी हैं कि पीने योग्य तो छोड़िए, ये जल नहान-स्नान के लायक भी नहीं है। 

इसी संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र 'वाराणसी' के ज़िलाधिकारी महोदय से ये पूछकर सारा सच स्पष्ट कर दिया है कि 'क्या आप गंगाजल पी सकते हैं?' साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की ये सलाह भी डबल इंजन की सरकार के लिए चुल्लू भर पानी में डूबने के बराबर है कि उनके राज में तथाकथित क्योटो अर्थात काशी के डीएम साहब अपनी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए गंगा किनारे एक चेतावनी भरा बोर्ड लगवा दें कि 'ये गंगा जल पीने-नहाने योग्य नहीं है।'निंदनीय भी, शर्मनाक भी! काशी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा !"

गौरतलब है, कि वाराणसी में गंगा की सहायक नदी वरुणा और अस्सी अतिक्रमण की वजह अपने अस्तित्व खोने के कगार पर है और मौजूदा समय में महज एक नाले के रूप में वह बची है। वही गंगा की सफाई के लिए सरकारों की तरफ से अरबों रुपए खर्च तो किए गए,लेकिन गंगा अली स्थिति पहले की तरह ही बनी हुई है। गंगा के पानी से आचमन करने से ब श्रद्धालु कतराने लगे है, तो NGT की मौखिक टिप्पणी से गंगा के पानी की स्थिति की जानकारी होने के बाद लोग काफी मायूस है।