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बीएचयू के 104वें दीक्षांत समारोह में 14072 छात्रों को दी गई उपाधि, -पैसे के पीछे मत भागो, बल्कि 'बदलाव लाने' के पीछे भागो :जय चौधरी..

बीएचयू के 104वें दीक्षांत समारोह में 14072 छात्रों को दी गई उपाधि, -पैसे के पीछे मत भागो, बल्कि 'बदलाव लाने' के पीछे भागो :जय चौधरी..

-पैसे के पीछे मत भागो, बल्कि 'बदलाव लाने' के पीछे भागो : जय चौधरी

-छात्रों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रयास करने और अपने जुनून के क्षेत्र की तलाश करने का संदेश

वाराणसी, जिला ब्यूरो 14 दिसम्बर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू )के 104वें दीक्षांत समारोह में 14072 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित मुख्य समारोह के मंच पर 30 मेधावियों को स्वर्ण पदक मंच से ही दिए गए। स्नातक के लिए प्रज्ञा प्रधान और स्नातकोत्तर के लिए ईशान घोष को चांसलर मेडल दिया गया। 

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जेड स्केलर के सीईओ और चेयरमैन जय चौधरी ने मेधावी विद्यार्थियों को मेडल देने के बाद उन्हें सम्बोधित भी किया। उन्होंने छात्रों से बड़े सपने देखने और जीवन की मांग के अनुसार खुद को ढालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पैसे के पीछे मत भागो, कुछ अलग करने के पीछे भागो। उपलब्धि की भावना ही मनुष्य को प्रेरित करती है। 

एक साधारण पृष्ठभूमि से वैश्विक तकनीकी आइकन बनने तक की अपनी व्यक्तिगत यात्रा को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिकूलता एक अद्भुत चीज है। जब मैंने हाईस्कूल पूरा किया तो आईआईटी के बारे में जानता भी नहीं था। 1977 में गांव से आकर पहली बार काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा परिसर देखा। ग्रामर, इंग्लिश और कम्युनिकेशन सब कुछ गड़बड़ था। यहां पर गणित और रसायन विज्ञान पढ़-पढ़ कर अंग्रेजी सुधारी। 

उन्होंने कहा कि बचपन में प्रतिकूल परिस्थितियों ने उन्हें काम करने की आदत विकसित करने में मदद की। उन्होंने कहा, हम हमेशा अवसरों का सामना करते हैं। अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप अच्छे काम करते हैं, आपके साथ अच्छी चीजें होती हैं। ऐसा हर बार नहीं होता, लेकिन दस में से नौ बार, जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं और अतिरिक्त प्रयास करते हैं, उनके साथ अच्छी चीजें होती हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने भविष्य में कदम रखते समय लचीलापन और निरंतर सीखने को अपनाएं। जोर देते हुए कि सफलता समर्पण, अनुकूलनशीलता और जोखिम लेने से मिलती है, उन्होंने छात्रों से साहसी बनने और चुनौतियों से डरने के बजाय उन्हें आगे बढ़ने के अवसर के रूप में देखने का आग्रह किया।

उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है और कमजोरियों का पता लगाना और उनमें सुधार करना बहुत महत्वपूर्ण है। बीएचयू में के अनुभवों, गंगा घाटों पर सैर और लंका क्षेत्र में टहलने का जिक्र कर छात्रों को कड़ी मेहनत करने को कहा। उन्होंने मेहनती, ईमानदार होने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्नातक होने का दिन छात्रों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, और यह उन पर निर्भर करता है कि वे किस दिशा में जाना चाहते हैं, साथ ही जीवन की मांग के अनुसार खुद को ढालना भी सीखें। 

समारोह में बीएचयू कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने छात्रों से जीवन में दो मूलभूत गुणों, मूल्यों और कृतज्ञता के प्रति सजग रहने का संदेश दिया। उन्होंने बीएचयू के महत्वपूर्ण प्रगति को साझा किया। उन्होंने छात्रों के समग्र विकास, संकाय सदस्यों को सशक्त बनाने, बुनियादी ढांचे के विकास और शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की पहलों को बताया। प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय शैक्षणिक सफलता, व्यक्तिगत विकास और स्नातक छात्रों की एक नई यात्रा की शुरुआत का जश्न मनाने में उत्साहित है। जिस दुनिया में आप कदम रख रहे हैं, वह अपार अवसरों से भरी है, लेकिन साथ ही अभूतपूर्व जटिलता से भरी भी है। आगे आने वाली चुनौतियों के लिए न केवल तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता है, बल्कि नैतिकता, सहयोग और आजीवन सीखने के प्रति प्रतिबद्धता की भी आवश्यकता है।