'मेरी मर्जी से बने शारीरिक संबंध', किशोरी की सहमति को कानपुर कोर्ट ने नहीं माना कानूनी, प्रेमी को सुनाई 7साल सजा, 16हजार जुर्माना...
जिला ब्यूरो। यूपी के कानपुर में एक किशोरी को भगाने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को दोषी मानते हुए अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट योगेश कुमार ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। 16 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के सामने किशोरी ने मर्जी से संबंध बनाने की बात कही फिर भी कोर्ट ने सजा सुनाई है।
बिठूर के एक गांव निवासी 16 वर्षीय किशोरी को गांव का ही विमल 18 अप्रैल 2014 को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। घर से 30 हजार रुपये नगद और 50 हजार के जेवरात भी गायब थे। विमल के घरवालों ने किशोरी को जल्द वापस लौटाने का आश्वासन दिया था। फिर भी किशोरी वापस नहीं लौटी। तब 26 अप्रैल को पिता ने बिठूर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। विशेष लोक अभियोजक भावना गुप्ता ने बताया कि पीड़िता, उसके भाई व पिता समेत आठ गवाह कोर्ट में पेश किए गए।
पीड़िता ने कोर्ट में बताया था कि विमल उसे भगाकर कन्नौज के सौरिख ले गया। जहां एक होटल में आठ दिन तक रहे और वहां शारीरिक संबंध बनाए। नाबालिग से पीड़िता ने उसकी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए जाने की बात कही थी। लेकिन नाबालिग होने के कारण उसकी सहमति को कानूनी सहमति नहीं माना गया। इसके अलावा अन्य सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने विमल को दोषी मानकर सजा सुनाई।