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कार में बैठकर घूस ले रहा था लेखपाल, जाल ब‍िछाकर बैठी एंटी करप्शन की टीम ने दबोचा, हुआ हंगामा, लेखपालों का धरना प्रदर्शन जारी...

कार में बैठकर घूस ले रहा था लेखपाल, जाल ब‍िछाकर बैठी एंटी करप्शन की टीम ने दबोचा, हुआ हंगामा, लेखपालों का धरना प्रदर्शन जारी...

लखनऊ ब्यूरो, बाराबंकी। पैमाइश के नाम पर भुक्तभोगी की कार में बैठकर घूस ले रहे लेखपाल को एंटी करप्शन की टीम ने मौके से धर दबोचा। लेखपाल के साथ टीम ने उसके सहयोगी मुंशी को भी हिरासत में लिया है।कार्रवाई के दौरान घटनास्थल पर लेखपाल एकत्र हो गए, जिनसे हाथापाई की स्थिति बन गई। मामले को भांपते हुए एंटी करप्शन टीम आरोपितों को लेकर सीधे सफदरगंज थाने चली गई। इधर, इस कार्रवाई के विरोध में लेखपालों ने तहसील में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो देर शाम तक जारी था।

यह कार्रवाई सतरिख थाना के ग्राम इब्राहिमाबाद निवासी अधिवक्ता बलवंत यादव की शिकायत पर हुई। बताया जाता है कि बलवंत यादव की ननिहाल कोतवाली नगर के ग्राम भुहेरा में है, जहां मां के नाम की जमीन की पैमाइश कराने के लिए वह लगातार लेखपाल के पास चक्कर लगा रहे थे। इसके लिए बलवंत यादव से रुपये की मांग की जा रही थी, जिसके कारण बलवंत ने एंटी करप्शन में शिकायत की थी।

मंगलवार को अयोध्या से आई 12 सदस्यीय एंटी करप्शन टीम पूरी तैयारी के साथ नवाबगंज तहसील पहुंची और लेखपाल दीपक यादव की रेकी शुरू कर दी। इसी बीच बलवंत ने अपनी कार मुख्य रोड पर स्थित तहसील के छोटे गेट के बाहर खड़ी की थी। इस गेट से निकलकर दीपक बलवंत की कार में बैठे और अंदर 20 हजार रुपये लेते ही टीम ने घेरकर उन्हें पकड़ लिया।

दीपक ने विरोध किया तो यह देखकर वहां अन्य लेखपाल एकत्र हो गए और टीम का विरोध करने लगे। हाथापाई की स्थिति बन गई। जैसे तैसे टीम ने कुर्सी के जुग्गन पुरवा बसारा निवासी दीपक यादव सहित दूसरे लेखपाल सुनील और उनके सहयोगी मुंशी शमशेर निवासी देवा टीपहार को हिरासत में लेकर वहां से चली गई।

सफदरगंज थाना में देर शाम तक टीम लिखापढ़ी करती रही। यहां एंटी करप्शन की ओर से दीपक यादव व शमशेर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, सुनील को छोड दिया गया है। बताया जाता है कि सुनील ने टीम की कार्रवाई करते हुए वीडियो बनाई थी, इसलिए उसे पकड़ लिया गया।

धरना पर बैठे आक्रोशित लेखपाल

इस कार्रवाई के विरोध में आक्रोशित लेखपाल व अन्य तहसील कर्मी पहले कोतवाली नगर पहुंचे और दीपक सहित तीनों के अपहरण की बात कही। बात पूरी तरह से स्पष्ट होने के बाद एकत्र लेखपालों ने तहसील में तालाबंदी करके धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। खबर लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी था। वहीं, पकड़े गए लोगों की जानकारी में भटक रहे लेखपालों को जब जानकारी हुई तो कई लेखपाल सफदरगंज थाने भी पहुंचे, लेकिन उन्हें दीपक व शमशेर से मिलने नहीं दिया गया।

कैमिकल परीक्षण

टीम ने नोट में लगे कैमिकल और लेखपाल के हाथ को कैमिकल से धोया, जिससे रुपये लेने की पुष्टि हो गई। लेखपाल को कैमिकल लगी हुई 500 की 40 नोटें दी गई थीं। भुक्तभोगी बलवंत यादव ने बताया कि उससे 40 हजार मांगे गए थे। मामला करीब एक साल से चल रहा था और एक माह से बहुत ही आजिज कर दिया था।

जून में भी पकड़ा गया था लेखपाल

2024 में नवाबगंज तहसील में तैनात इस दूसरे लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा है। इससे पूर्व 11 जून 2024 को तहसील नवाबगंज का लेखपाल मनोज कुमार सिंह को दबोचा गया था। बड्डूपुर के खिंजना गांव निवासी मनोज भयारा में तैनात थे। ग्राम पंचायत भयारा के शिकायतकर्ता मनोज आनंद से खारिज दाखिल के लिए लेखपाल ने 50 हजार रुपये मांगे थे। डीएम आवास के सामने साईं स्वीट्स पर करीब तीन बजे पांच हजार लेते ही लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था।