ऑस्ट्रेलिया में भारत के साथ अंपायरों द्वारा फिर हुई बेइमानी? अश्विन की एलबीडब्ल्यू अपील पर डीआरएस को लेकर हुआ विवाद...
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन डीआरएस को लेकर विवाद हुआ। यह घटना ऑस्ट्रेलियाई पारी के 58वें ओवर में जाकर घटी जब भारतीय टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर मिचेल मार्श को एलबीडब्ल्यू देने की अपील की गई। अश्विन ने मार्श को आउट करने के लिए अपील की, लेकिन अंपायर ने नॉटआउट दिया।
क्या था पूरा मामला?
अंपायर के नॉटआउट देने के बाद अश्विन और कप्तान रोहित शर्मा ने अन्य सदस्यों के साथ विचार किया और फैसले के खिलाफ डीआरएस लेने का निर्णय लिया। भारतीय खिलाड़ी स्पष्ट थे कि गेंद मार्श के पैड में पहले लगी है, लिहाजा वह एलबीडब्ल्यू आउट हैं। तीसरे अंपायर रिचर्ड कैटेलबोरो ने रिप्ले देखा और अल्ट्रा-एज प्रणाली से भी चेक किया कि गेंद पहले मार्श के पैड पर लगी या बल्ले पर। हालांकि, उन्हें कुछ गलत नहीं लगा और तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखा।
फैसले पर हेडन ने भी उठाए सवाल
तीसरे अंपायर के फैसले से सभी को हैरानी हुई क्योंकि निर्णय देने के बाद एक अलग एंगल से यह साफ दिखा कि गेंद मार्श के पैड पर पहले लगी थी। कमेंट्री कर रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने इस पर सवाल उठाया कि आखिर क्यों फैसला देने के बाद ही यह एंगल उपलब्ध होता है। उन्होंने कहा, मुझे यह बात समझ नहीं आती कि फैसला हो जाने के बाद ही हमें क्यों स्पष्ट एंगल नजर आता है।
अश्विन ने बाद में मार्श का किया शिकार
कुछ सेकेंड बाद बॉल ट्रैकिंग में दिखा कि गेंद विकेट की ओर लग रही है, लेकिन इंपैक्ट अंपायर कॉल है। इससे भले ही मार्श आउट नहीं हुए, लेकिन भारत का रिव्यू बच गया। मैदानी अंपायर का मानना था कि गेंद पहले मार्श के बल्ले से लगी है, इसलिए उन्होंने अंगुली नहीं उठाई। मार्श की खुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी क्योंकि इसके कुछ देर बाद ही अश्विन की ही गेंद पर मार्श विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच आउट होकर पवेलियन लौटे। भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी इस मामले पर अपने विचार साझा किए और कहा कि फैसले को पलटने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं था।