थोड़ी देर बाद काशी में निकलेगी भगवान राम की भव्य बरात, मटकोर के बाद हुआ आयोजन,आज सजेंगे काशी के सभी राम मंदिर...
वाराणसी ब्यूरो प्रमुख। शिव की नगरी काशी में उनके आराध्य श्रीराम के विवाह उत्सव का उल्लास आज से आरंभ हो जाएगा। शहर के राममंदिरों में विवाह पंचमी के अनुष्ठान होंगे। मटकोर के साथ ही श्रीराम बरात और रामकलेवा में काशीवासी भी शामिल होंगे। विवाह महोत्सव में काशीवासी ही घराती और बराती दोनों की भूमिका में रहेंगे।
अस्सी स्थित श्रीरामजानकी मठ ट्रस्ट में तीन दिवसीय श्रीसीताराम विवाह महोत्सव पांच दिसंबर की शाम मटकोर से आरंभ हो गया। पंजाबी महाराज की प्रेरणा से शुरू हुए महोत्सव के सभी अनुष्ठान महामंडलेश्वर राजकुमार दास के संरक्षण में ही होंगे।
आज छह दिसंबर को अपराह्न तीन बजे से श्रीराम बरात शोभायात्रा निकलेगी।
विवाह पंचमी 2024: जानें इस त्योहार का महत्व और केले के पेड़ की पूजा का रहस्य
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि छह दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, इसलिए इसे श्री राम विवाह उत्सव भी कहा जाता है। मान्यता है कि माता सीता का स्वयंवर भी इसी दिन हुआ था।
केले के पेड़ की पूजा का विधान
* विवाह पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
* इसके बाद पीले वस्त्र पहनकर केले के पेड़ पर पीली रस्सी बांधें।
* हल्दी-चंदन के साथ फूल चढ़ाने के बाद धूप और घी का दीपक जलाएं।
* भगवान राम के मंत्रों का जाप करें।
* केले के पेड़ की पूजा करते समय लक्ष्मीनारायण का ध्यान करें।
* इसके बाद अक्षत, पंचामृत, सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाकर दीपक जलाएं।
* केले के पेड़ की 21 बार परिक्रमा करें और केले के पेड़ के सामने अपनी मनोकामना कहें।