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एक्सक्लूसिव :: 'कागज-खतौनी में भी नहीं है मस्जिद का कोई भी उल्लेख', विवाद के बीच उदय प्रताप कॉलेज टीम प्रबंधन का दावा...

एक्सक्लूसिव :: 'कागज-खतौनी में भी नहीं है मस्जिद का कोई भी उल्लेख', विवाद के बीच उदय प्रताप कॉलेज टीम प्रबंधन का दावा...

जिला ब्यूरो प्रमुख। वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज परिसर में हंगामे के बीच "केसरी न्यूज 24"प्रतिनिधि ने कॉलेज के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र कुमार सिंह से बातचीत की है। उन्होंने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया है कि परिसर के कहीं भी कागज खतौनी विवरण में मस्जिद का उल्लेख नहीं है। पहले बहुत सीमित संख्या में लोग नमाज पढ़ने के लिए आते थे, लेकिन बीते शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ने के लिए इस परिसर में पहुंचे।

उन्होंने कहा कि इसके बारे में प्रशासन को अवगत करा दिया है और हम भी चाहते हैं कि सीमित संख्या में ही नमाज अदा करने के लिए लोग वहां पहुंचे. हालांकि इस दौरान छात्रों का भी विरोध परिसर में जारी है. इसी बीच पठन-पाठन, सेमेस्टर परीक्षा और शांति व्यवस्था के साथ नमाज अदा करने के लिए वाराणसी पुलिस प्रशासन द्वारा परिसर में फोर्स की तैनाती कर दी गई है।

उदय प्रताप कॉलेज के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने में पूरा सहयोग कर रहा है. इसके अलावा यह सवाल पूछे जाने पर कि 2018 के नोटिस की चर्चा अब क्यों हो रही है, इस पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन इतना जरूर है कि हमने उस समय नोटिस का जवाब दे दिया था की दावा पूरी तरह से निराधार है।

आईकार्ड दिखाकर मिल रही छात्रों को परिसर में एंट्री

उन्होंने कहा कि कॉलेज में 2 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं. आईकार्ड देख कर ही कर्मचारीयों, छात्रों को परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है. परिसर में सेमेस्टर परीक्षाओं का भी दौर है और हम छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।

सैकड़ों वर्ष पुरानी है यह मस्जिद

वहीं बीते जुम्मे के दिन परिसर में स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने पहुंचे लोगों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मस्जिद काफी पुरानी है. नवाब टोंक के समय की है जो सैकड़ों वर्ष से इस परिसर में स्थित है. यहां काफी समय से लोग नमाज पढ़ने के लिए आते हैं. हालांकि वर्तमान समय में वक्फ बोर्ड से प्राप्त नोटिस की चर्चा के अलावा मस्जिद में लोगों की उमड़ने वाली संख्या को लेकर ही छात्रों का विरोध देखा जा रहा है।