लखनऊ में ग्राम प्रधान ने बेटे-बेटियों पर लुटाई सरकारी योजनाओ का पैसा, खाते में ट्रांसफर कर दिया ग्राम निधि का पैसा, जॉच में हुई पुष्टि...
यूपी राज्य ब्यूरो। लखनऊ में काकोरी ब्लॉक के दसदोई ग्राम सभा के प्रधान के कारनामे निराले हैं। प्रधान ने सरकारी रकम साफ करने में अपने पूरे परिवार को लगा दिया। अपने चार बेटों और बेटियों को मनरेगा का जाब कार्ड बना दिया। मनरेगा का पैसा निकाला। गांव में चल रही सरकारी गौशाला में भी अपने दो बेटों को गौपालक बना दिया। गौपालक का मानदेय भी बेटों को दिया। इतना ही नहीं बेटों के बैंक खाते में ग्राम निधि का पैसा भी ट्रांसफर कर दिया। शिकायत के बाद खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) ने जांच करायी तो भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने इसकी विस्तृत जांच शुरू करायी है। जल्दी ही प्रधान व इसमें शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
दसदोई ग्राम सभा के प्रधान हैं राजकुमार यादव। इनके चार पुत्र-पुत्री हैं। प्रधान ने अपने इन चारों बच्चों के नाम जॉब कार्ड बनाकर सरकारी रकम के वारे न्यारे किए। बेटे नागेन्द्र, बालेन्द्र तथा शैलेन्द्र के नाम जाब कार्ड बनाया। यही नहीं अपनी बेटी के नाम भी जाब कार्ड बनाया। जबकि नियमानुसार प्रधान अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम जाब कार्ड नहीं बना सकता है। प्रधान ने मनरेगा की मजदूरी बैंक खातों में ट्रांसफर करायी। काकोरी के बीडीओ भानु प्रताप सिंह ने 30 पेज की जांच रिपोर्ट उपायुक्त मनरेगा को भेजी। जिसमें प्रधान की ओर से किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया है। बीडीओ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मनरेगा एमआईएस से जांच की गयी। ग्राम पंचायत सचिव दसदोई से भी रिपोर्ट ली गयी। इसमें पता चला कि ग्राम पंचायत में प्रधान के पुत्रों, पुत्रियों के अलग अलग जाब कार्ड जारी हुए हैं। मनरेगा जाब कार्ड का पैसा इनके पत्र पुत्रियों के खातों में भेजा गया है।
गौशाला का गौपालक बनाकर भी पैसा साफ किया
सरकार की ओर से गांव में गौशाला का बनवायी गयी है। इस गौशाला की देखरेख के लिए गौपालक रखे गए। दो गौपालक रखे जाने थे। प्रधान ने अपने उन्हीं दो पुत्रों को गौपालक भी बना दिया जिनका मनरेगा में जाब कार्ड बना रखा था। इससे प्रधान के पुत्रों को दोहरा लाभ मिलने लगा। एक मनरेगा जाब कार्ड और दूसरे गौपालक के मानदेय से। बीडीओ की जांच में इसकी भी पुष्टि हुई है। बीडीओ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रधान के दो बेटे गौपालक भी बने हैं। हालांकि जांच शुरू होते ही प्रधान के दोनों बेटों को गौपालक से हटा दिया गया।
ग्राम विकास निधि का पैसा भी पुत्रों के खातों में ट्रांसफर कराया
प्रधान ने ग्राम विकास निधि का पैसा भी अपने पुत्रों के खातों में ट्रांसफर किया है। जांच में इसकी भी पुष्टि हो गयी है। कितना पैसा ट्रांसफर किया गया है इसकी जांच की जा रही है। लेकिन निधि का पैसा उनके पुत्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर करने के सबूत अधिकारियों के हाथ लगे। जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि होने की बात लिखी गयी है।