वाराणसी में अब रोबोटिक कैमरे की मदद से होगी मरम्मत, इसी पर निर्भर है पूरे शहर की सीवर व्यवस्था.. दुर्गाघाट पार्षद कनकलता मिश्रा...
वाराणसी जिला ब्यूरो। शहर में दुर्गाघाट के शाही नाले की मरम्मत में खतरे को देखते हुए रोबोटिक कैमरे की मदद ली जाएगी। इसके जरिये नाले में अंदर लोहे की पाइप डाली जाएगी। बारिश के समय यहां मिट्टी दबने के खतरे को देखते हुए काम बंद किया गया था।जलकल विभाग ने तीन दिनों के भीतर काम शुरू करने की तैयारी की है। छोटे-छोटे लोहे के पाइपों को ट्रॉली के सहारे दुर्गाघाट पहुंचाया जाएगा।
इस वजह से लिया गया मैनुअल सफाई का फैसला
जाम हो चुके शाही नाले की सफाई के लिए दुर्गाघाट के पास आठ भवन खाली कराए गए थे। नाले पर बने भवनों से सफाई के दौरान गिरने का खतरा था। इन भवनों के आसपास के मोहल्लों में सीवर की समस्या है। सफाई के लिए सारे प्रयास फेल हो चुके हैं। इसके बाद फैसला लिया गया कि मैनुअल इसकी सफाई कराई जाएगी।
नाले के अंदर कुछ भाग काफी खतरनाक है। इस नाते रोबोटिक कैमरों का सहारा लिया जाएगा। इससे अंदर की तस्वीर के आधार पर काम शुरू कराया जाएगा। पूर्व में नाले के अंदर कुछ दूर जाकर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नाले के ऊपर रखी पटिया टूट चुकी है। इन भवनों के नींव की मिट्टी और ईंट आदि गिरने से नाला जाम हो चुका हैं।
सिर्फ शाही नाले पर ही निर्भर है शहर की सीवर व्यवस्था
शहर की सीवर व्यवस्था सिर्फ शाही नाले पर ही निर्भर है। शाही नाला जिसे मुगलों ने सुरंग के रूप में विकसित किया था। बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने उसे सीवर व्यवस्था में तब्दील कर दिया। नाले की उम्र 200 साल से भी ज्यादा हो गई। जगह-जगह तोड़फोड़ कर लोगों ने अपनी सीवर लाइन जुड़वा ली है। नतीजा यह नाला भी जीर्ण-शीर्ण हो गया है।
दुर्गाघाट की पार्षद कनकलता मिश्रा ने बताया कि कैमरे की मदद से नाले की सफाई होगी। जलकल के अधिकारी लगातार यहां निरीक्षण कर रहे हैं। जलकल के सचिव ओपी सिंह ने बताया कि कैमरे की मदद से फोटो देखकर काम कराया जाएगा। पहले भी यहां काम कराया था। अब इसमें लोहे की पाइप डाली जानी है।