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अटल बिहारी वाजपेयी जी का वो घर..जहां गुजरे बचपन के दिन, आज ऐसा है उनके घर का हाल, देखें तस्वीरें.. जयंती पर विभिन्न आयोजन...

अटल बिहारी वाजपेयी जी का वो घर..जहां गुजरे बचपन के दिन, आज ऐसा है उनके घर का हाल, देखें तस्वीरें.. जयंती पर विभिन्न आयोजन...

एजेंसी न्यूज डेस्क :: आगरा के बाह बटेश्वर जो अटलजी का पैतृक घर है। वहां की चौखट पर दस्तक देते ही परिजन भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री के बचपन की यादों की गांठ खोल देते हैं। भांजी बहू गंगा देवी ने बताया कि अटलजी बटेश्वर में 6 अप्रैल 1999 को आगरा इटावा वाया बटेश्वर रेल लाइन का शिलान्यास करने के लिए आखिरी बार घर पर आए थे।तब उन्होंने घर पर बने चूरमा के लड्डू बड़े चाव से खाए थे।

गंगा देवी बताती हैं कि उन्हें मालपुआ बेहद पसंद थे। मालपुआ की दावत खाने के लिए कई कोस पैदल चले जाते थे। फलों में आम पसंद थे। पूर्व प्रधानमंत्री के भतीजे राकेश वाजपेयी ने बताया कि परिवार के बुजुर्ग बताते थे कि झरबेरी के बेर तोड़ने को बीहड़ के टीलों पर चढ़ जाते थे। शिक्षक पुत्तू लाल ने बताया कि स्कूल में उनका भाषण उम्दा होता था। कविता पाठ पर कई बार पुरस्कार जीते थे। भतीजे अश्वनी वाजपेयी ने बताया कि बचपन में छुट्टी के बाद यमुना किनारे गुटरियों से खूब खेलते थे। कुएं में गुटरियां फेंक कर आने वाली छप्प की आवाज सुन कर खूब ताली बजाते थे।

 घर के आंगन में अभी भी झांक रहे बबूल का पेड़ 

बीते साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6.50 करोड़ की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री के पैतृक घर को स्मारक के रूप में बनाने की योजना का शिलान्यास किया था। इस पर काम अब तक शुरू नहीं हुआ। अब तक घर के आंगन के बबूल न हटने से उनके परिजन निराश हैं। अटल जी का सानिध्य पाने वाले चरन सिंह यादव, राम सिंह आजाद ने कहा कि अटल से जुड़ी जंगलात कोठी को संग्रहालय के रुप में संरक्षित किया जाए।
 

कसक: अटल स्टेशन नहीं बना बटेश्वर हाल्ट

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1974 में बटेश्वर में स्नान और भोलेनाथ को पूजने के लिए आए थे। तब उन्होंने बटेश्वर के संरक्षण की जरूरत बताई थी। बटेश्वर के लोगों की कसक है कि बटेश्वर हाल्ट को अब तक अटल स्टेशन नहीं बनाया गया, जबकि यहां 106 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास मुख्यमंत्री कर चुके हैं। अटल संकुल केंद्र बन चुका है।
 

सांस्कृतिक प्रेक्षागृह की बदहाली दूर हो
बटेश्वर में धर्म संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक प्रेक्षागृह का निर्माण कराया गया था। 23 साल में कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। प्रेक्षागृह खंडहर में तब्दील हो गया है। अतिक्रमण की जद में है। राम सिंह आजाद, नरेंद्र चंद्रवंशी, चरन सिंह ने प्रेक्षागृह में कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की।

कृषि मेले का उद्घाटन करेंगे सूर्यप्रताप शाही, कवि सम्मेलन भी होगा

अटलजी की जयंती पर आज बुधवार को बटेश्वर में तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही ने किया। आज सुबह 10:30 बजे से लोक भवन से मुख्यमंत्री के संबोधन का प्रसारण हुआ। 11:30 बजे भजन और दोपहर 12 बजे अटल गीत गंगा में सुधीर नारायन, अमन शर्मा, हर्षित पाठक ने प्रस्तुति दिया। दोपहर 1 बजे राम अर्चना और 1:30 बजे से कवि सम्मेलन होगा। विनीत चौहान, डॉ. कीर्ती काले, अरविंद झा, हरीश अग्रवाल, सुशील सरित आदि काव्यपाठ करेंगी।