वाराणसी जिले में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ ने CMS के खिलाफ खोला मोर्चा, इस्तीफा देने की दी चेतावनी...
वाराणसी जिला ब्यूरो। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ ने सीएमएस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएमएस पर अनियमित तरीके से डयूटी लगाने, नोडल अधिकारी बनाने के बाद खुद काम करने, मनमाने ढंग से कार्रवाई करने, जबरन फंसाने सहित कई आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत जिलाधिकारी, अपर निदेशक स्वास्थ्य और सीएमओ से मिलकर की है।
इस दौरान प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के सचिव डॉ. आरएन सिंह भी साथ रहे। शिकायती पत्र में 73लोगों(30 चिकित्सक, 43 पैरामेडिकल स्टाफ) ने हस्ताक्षर भी किया है। इसमें तीन दिन में सीएमएस को हटाए जाने मांग की है। ऐसा न होने पर सामूहिक इस्तीफा देने और अनशन की चेतावनी भी दी है।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों, कर्मचारियों ने जो शिकायती पत्र दिया है, उसमें आरोप लगाया है कि अस्पताल के सभी चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की इयूटी इस प्रकार से अनियमित तरीके से लगायी जा रही है, जिससे आए दिन सभी को 24 घंटे अस्पताल में रहना पड़ रहा है। चिकित्सकों को कागज पर सभी विभाग का नोडल बनाया गया है, इसके बाद भी सीएमएस अपने ईशारे पर खुद ही काम कर रहे हैं। किसी तरह की अनहोनी पर संबंधित नोडल अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाता है। यह भी बताया है कि मरीजों और उनके परिजनों के सामने अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया जाता है,इसके फलस्वरुप मरीजों के परिजन भी आए दिन डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करते हैं।
नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी के चिकित्सक न होने के बाद भी संबंहिधत मरीज को अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने का दबाव बनाया जाता है। किसी तरह की अप्रिय घटना होने पर मरीज के परिजन, सीएमएस की ओर से चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई का दबाव भी बनाया जाता है। शिकायत में डॉक्टरों ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि कोविड के बाद सीएमएस के कार्यभार संभालने से पहले तक अस्पताल प्रदेश में पहले, दूसरे आने पर रहा है लेकिन इस समय 32वें स्थान पर आ गया है। इस तरह की स्थिति तब है जब चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की ओर से पूरी तन्मयता से काम किया जा रहा है। चिकित्सकों ने यह भी कहा है कि वर्तमान में जिस तरह की परिस्थिति है, उसमें सीएमएस के कार्यकाल काम करना असंभव हो गया है।
ऐसे में तीन दिन के भीतर हटाकर किसी अन्य सीएमएस की तैनाती की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो सामूहिक रुप से त्याग पत्र देने और अनशन के लिए बाध्य होंगे। पत्र पर डॉ.पीके सिंह, डॉ.एमके यादव, डॉ. शिवेश जायसवाल, डॉ.बृजेश कुमार, डॉ.केजे पांडेय, डॉ.बृजेंद्र, डॉ.आरएल यादव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
मेरे पास नहीं की कोई शिकायत, जबरन लिया हस्ताक्षर-सीएमएस
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.दिग्विजय सिंह ने इस बारे में पूछने पर बताया कि अधिकारियों को मेरे विरुद्ध जिन लोगों ने शिकायत की हैं, उनको पहले हमसे मिलकर समस्या बतानी चाहिए। मेरे पास कोई शिकायत पत्र लेकर नहीं आया। पत्र में जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं, उसमें एआरटी सेंटर से जुड़े लोगों से मेरी बात हुई। उन लोगों ने डॉ.पीके सिंह पर सेंटर पर आकर एक कागज पर हसताक्षर करवाने को कहा। कर्मचारियों ने भी हस्ताक्षर कर दिया। साथ ही सीएमएस से किसी तरह शिकायत न होने की बात भी कही है। सीएमएस ने बताया कि पिछले दिनों ओपीडी में चलाए गए अभियान में कुछ लोगों को बाहर की दवा लिखते पकड़ा गया था। इसके विरोध में लोग आवाज उठा रह हैं। कुछ लोग लगता है मुझसे दुखी है, उनसे बातचीत की जाएगी।