महाकुंभ भगदड़ के बाद सुबह 11 बजे से तीनों शंकराचार्य ने एक साथ किया स्नान,श्रद्धालुओं से शांति, धैर्य बनाएं रखने की अपील की...
Live महाकुंभ नगर। संगम पर भगदड़ मचने के बाद पैदा हुई अव्यस्था को संभालने के बाद प्रशासन ने तीनों शंकराच्यों को एक साथ स्नान करने की तैयारी की है। तीनों शंकराचार्य द्वारका पीठ के स्वामी सदानंद सरस्वती, ज्योतिषपीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और श्रृंगेरी मठ के विधु शेखर भारती एक साथ सेक्टर 22 से संगम के लिए सुबह 11 बजे रवाना हुए।
मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ और भगदड़ की घटना के चलते सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान न करने का एलान किया था। यह एलान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र गिरी ने निरंजन छावनी से किया।
हालांकि, अब खबर है कि हालात सामान्य होते ही सभी अखाड़े अमृत स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ है और भगदड़ की घटना सामने आई है उससे अखाड़े ने स्नान न करने का फैसला लिया था अखाड़े के वहां जाने से स्थिति और भी बिगड़ सकती थी।
इससे पहले अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के एलान के बाद महानिर्वाणी अखाड़ा अपना जुलूस बीच रास्ते से ही वापस लेकर छावनी लौट आया वहीं जूना अखाड़े ने भी अपना जुलूस छावनी में वापस बुला लिया। हादसे की सूचना मिलने के बाद अंजलि अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरि भी साथ छावनी पहुंचे।
महामंडलेश्वर प्रेमानंद ने प्रशासन पर उतारा गुस्सा
महाकुंभ में भगदड़ में हुई मौतों पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी रो पड़े। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी।
प्रशासन पूरी तरह फेल साबित हुआ है। प्रशासन सिर्फ वीआईपी की जी हुज़ूरी में लगा रहा। इसके अलावा उन्हें कुंभ से कोई मतलब नहीं है। किसी का बेटा चला गया तो किसी का बाप चला गया। पिछले स्नान के बाद ही हमने प्रशासन को सचेत किया था।
अखाड़ों की सवारी रास्ते से वापस लौटी। भगदड़ की घटना के बाद साधु संतों में दिखा रोष।
अखाड़ों ने अपना जुलूस रास्ते से ही वापस कर दिया।
हादसे की सूचना के बाद छावनी में बैठे साधु और संत।
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