यहां क्रेन से चढ़ाए जाते हैं महाकड़ाहे, एक बार में बनती है 40 क्विंटल दाल और सब्जी, महाकुंभ की इस अनूठी रसोई को देख चौंक जायेंगे आप...
प्रयागराज में महाकुंभ की महारसोई :: संगम की रेती पर 13 जनवरी से महाकुंभ मेले की शुरुआत होने जा रही है। महाकुंभ मेले में देश के कोने-कोने से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन यहां आने वाले लोगों पर मां गंगा का ऐसा आशीर्वाद है कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहता है। इसके लिए कई संस्थाओं की ओर से अन्नक्षेत्र और भंडारे चलाये जाते हैं। जिसमें लोगों को प्रसाद ग्रहण कराया जाता है।
लेकिन माघ मेला और कुंभ मेले में पिछले 41 वर्षों से एक अन्न क्षेत्र ऐसा भी चलाया जा रहा है जो कि सबसे अनूठा है। इस महा रसोई में महा कराहों में मशीनों के जरिए प्रसाद तैयार कराया जाता है। जिसमें हर दिन हजारों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। खास बात ये है कि ये भंडारा पूरे मेले के दौरान 24 घंटे इसी तरह से अनवरत चलता रहता है और सैकड़ों सेवादार श्रद्धालुओं की सेवा में दिन रात लगे रहते हैं।
हम आपको महाकुंभ मेले की महारसोई के बारे में आज बताने जा रहे हैं
माघ मेले की महा रसोई जिसमें बड़े-बड़े महा कराहों में श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसाद तैयार होता है। ॐ नम:शिवाय संस्था की ओर से माघ मेले और कुंभ मेले में पिछले 41 वर्षों से अन्न क्षेत्र चलाया जा रहा है। इसमें बड़े-बड़े कराहे क्रेन के जरिए भट्टियों पर चढ़ाये जाते हैं। जिसमें एक साथ चालीस क्विंटल सब्जियां और दालें तैयार होती हैं। जबकि महा कराहे में एक साथ पांच हजार पूड़ियां भी निकाली जाती हैं। इसके साथ ही पूड़ियां और रोटियां बनाने के लिए मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। इस भंडारे में हर दिन हजारों लोगों का भोजन तैयार होता है। जिसमें सैकड़ों सेवादार पूरे सेवाभाव से लगे रहते हैं।
स्टील की टहलियों में परोसा जा रहा प्रसाद
यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बैठाकर पूरे सेवा भाव से निशुल्क भोजन कराया जाता है। श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए बेंच भी लगायी गई हैं। ॐ नम: शिवाय बाबा के मुताबिक यह महा कराहे खास तौर पर जालंधर से मंगाए गए हैं। महाकुम्भ मेले की शुरुआत से लेकर मेले की समाप्ति तक ऐसे ही अन्न क्षेत्र चलता रहता है। उनके मुताबिक कोरोना काल में भी संस्था ने 4 शहरों प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर और अयोध्या में निशुल्क अन्न क्षेत्र चलाया था, जिसमें हर दिन लाखों लोगों को भोजन कराया गया।
उनके मुताबिक कानपुर, लखनऊ, अयोध्या और प्रयागराज के अस्पतालों में भी उनका भंडारा चलता है। उनका कहना है कि महाकुंभ को सीएम योगी आदित्यनाथ ने ग्रीन बनाया है, इसलिए इस बार पर्यावरण का खास ध्यान रखते हुए श्रद्धालुओं को स्टील की थालियां में भोजन प्रसाद परोसा जा रहा है, ताकि किसी तरह से मेले में प्रदूषण न हो।
महारसोई में 800 सेवादारों की फ़ौज
वहीं महाकुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालु भी इस महा रसोई को देखकर आश्चर्य चकित हो उठते हैं। आखिर किस तरह से हजारों लोगों के लिए एक साथ इस महा रसोंई में भोजन तैयार हो रहा है। लोगों ने भी इतने बड़े कराहों में एक साथ भोजन तैयार होते हुए पहली बार देखा है. लोग भी संस्था के सेवा भाव को देखकर सराहना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वाकई महाकुंभ मेले में कई अन्न क्षेत्र चलते हैं, लेकिन ॐ नम: शिवाय संस्था की ओर से चलायी जा रही रसोई अपने आप में बेहद अनूठी है।
इस संस्था में करीब 800 सेवादारलगातार लोगों की सेवा में लगे हैं। जो पूरे उत्साह के साथ भोजन प्रसाद तैयार करते हैं। उसके बाद श्रद्धालुओं को बैठकर भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं। सेवादारों का भी कहना है कि उन्हें ऐसा करके आनंद की अनुभूति होती है।
यूपी के डिप्टी सीएम भी कर चुके हैं भोजन
लाल महेंद्र शिव शक्ति सेवा समिति के नाम से ओम नमः शिवाय बाबा की ओर से चलाए जा रहे इस सबसे बड़े अन्न क्षेत्र में कभी छोटे और बड़े का कोई भेद नहीं किया जाता है। यहां पर मेले में आने वाला कोई भी व्यक्ति प्रसाद ग्रहण कर सकता है।
ओम नमः शिवाय बाबा का कहना है कि उनका उद्देश्य यही है कि मेले में आया हुआ कोई व्यक्ति भूखा सोने ना पाए, भूखा रोने ना पाए और भूखा जाने ना पाए।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी संस्था में आकर प्रसाद ग्रहण कर चुके हैं।