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9 पारी में सिर्फ 151 ओवर फेंककर वर्कलोड का रोना ना रोएं जसप्रीत बुमराह, बस की नहीं है तो.. टी20 खेलें, वर्ल्ड कप विजेता का तीखा प्रहार...

9 पारी में सिर्फ 151 ओवर फेंककर वर्कलोड का रोना ना रोएं जसप्रीत बुमराह, बस की नहीं है तो.. टी20 खेलें, वर्ल्ड कप विजेता का तीखा प्रहार...

भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज बने। उन्होंने सबसे ज्यादा 32 विकेट अपने नाम किए। वह भी तब जब कि उन्होंने सिडनी टेस्ट में 10 ही ओवर डाले। बुमराह सिडनी टेस्ट के बीच में ही मैदान से बाहर चले गए और उन्हें स्कैन के लिए अस्पताल ले जाया गया। ऐसा कहा गया कि बुमराह से जरूरत से ज्यादा ओवर कराए गए। हालांकि पूर्व गेंदबाज और वर्ल्ड चैंपियन बलविंदर संधु के मुताबिक वर्कलोड मैनजमेंट की बात करना बकवास है।

बलविंदर संधु ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "वर्कलोड? उन्होंने कितने ओवर फेंके? 150-कुछ, ठीक है? लेकिन कितने मैचों या पारियों में? पांच मैच या नौ पारियां, सही? यह घटकर प्रति पारी 16 ओवर या प्रति मैच 30 ओवर हो जाता है। और उन्होंने ये 15 से अधिक ओवर एक बार में नहीं फेंके। उन्होंने स्पैल में गेंदबाजी की। तो क्या यह कोई बड़ी बात है? वर्कलोड मैनेजमेंट बहुत कठिन है। ये ऑस्ट्रेलियाई शब्द हैं, जो ऑस्ट्रेलियाई लोगों द्वारा बनाए गए हैं। वर्कलोड मैनेजमेंट कुछ भी नहीं है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। मैं उस युग से आया हूं जब क्रिकेटर किसी और की नहीं बल्कि अपने शरीर की सुनते थे। मैं इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं।”

अपनी बात जारी रखने हुए उन्होंने कहा, ‘एक गेंदबाज के लिए एक दिन में 15 ओवर फेंकना और वो भी अलग-अलग स्पैल में फेंकना कोई बड़ी बात नहीं है। आप टेस्ट मैच के सभी पांच दिनों में गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने उन ओवरों को फेंकने के लिए तीन या चार स्पैल लिए। आज, आपके शरीर की देखभाल के लिए आपके पास सर्वश्रेष्ठ फिजियो, सर्वश्रेष्ठ मालिश करने वाले और सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर हैं। अगर कोई गेंदबाज एक पारी में 20 ओवर नहीं फेंक सकता तो उसे भारत के लिए खेलना भूल जाना चाहिए।’

वहीं उन्होंने आगे कहा, ‘यदि आप भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, तो आपके पास एक पारी में कम से कम 20 ओवर फेंकने की ताकत होनी चाहिए। यदि आप नहीं कर सकते हैं, तो वापस जाना और टी20 खेलना बेहतर है, जहां आपको केवल चार ओवर फेंकने होंगे। यहां तक कि वे चार ओवर भी तीन स्पैल में फेंके जाते हैं।”