गणतंत्र का पर्व.. जय संविधान.. जय हिंदुस्तान.., काशी के घाट पर फहराया गया तिरंगा, बटुकों ने दी सलामी...
Republic Day 2025 : भारतीय विरासत के गर्व 76वें गणतंत्र के बेमिसाल सफर के अवसर पर सिंधिया घाट पर जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा', 'मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा' आदि गीतों की गूंज रही।वहीं, भारत माता की जय, जय हिंद , वंदे मातरम व आजादी के तराने गूंजे।
भारत की आन, बान और शान गंगा के निर्मलीकरण का आवाह्न करते हुए नमामि गंगे और महर्षि योगी वेद विज्ञान अध्ययन पीठ के वेदपाठी बटुकों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर मां गंगा की आरती उतारी। राष्ट्रगान के पश्चात नागरिकों के साथ भारतवर्ष को विकसित भारत की ओर ले जाने का संकल्प लिया।
इसके बाद मां भारती के जयकारों के बीच हाथों में तिरंगा लहराते बटुकों ने 'भारत मेरी जान है, भारत मेरी शान है, भारत मेरा अभिमान है' व 'सबका साथ हो - गंगा साफ हो', 'हम सभी ने ठाना है गंगा को स्वच्छ बनाना है ' आदि नारे बुलंद किए। इस दौरान बलिदानियों के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण किया गया।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने कहा कि इन 75 वर्षों में सभी के सामूहिक प्रयासों की मदद से भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा है। हमारे युवाओं ने नई सोच और नवाचारों के दम पर देश को आगे बढ़ाया है।
शिक्षा से लेकर रक्षा तक और खेल से लेकर अंतरिक्ष तक, महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। हमारे किसान, मजदूर, एमएसएमई क्षेत्र, छोटे-बड़े व्यापारी, हर व्यक्ति देश की प्रगति में भागीदार बन रहा है।
इन सामूहिक प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और जल्द ही तीसरा स्थान हासिल करने वाला है। आयोजन में प्रमुख रूप से महर्षि योगी वेद विज्ञान अध्ययन पीठ के प्रभारी सुनील श्रीवास्तव, आचार्य पं राकेश मिश्रा, दीपक श्रीवास्तव व सैकड़ो की संख्या में वेद अध्ययन कर रहे बटुक शामिल रहे।