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आज दोपहर तक विंध्यधाम में उमड़ा आस्था का जन सैलाब, भीड़ में दो दर्शनार्थी गश खाकर गिरे, भेजे गए अस्पताल...

आज दोपहर तक विंध्यधाम में उमड़ा आस्था का जन सैलाब, भीड़ में दो दर्शनार्थी गश खाकर गिरे, भेजे गए अस्पताल...

मिर्जापुर ब्यूरो। महाकुंभ के पलट प्रवाह से विंध्यधाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। मंगलवार की सुबह से ही विंध्यधाम में दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। इस दौरान मां के जयकारे से विंध्यधाम गूंज उठा। मां की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु बेताब दिखे। वहीं मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग स्थित अटल चौराहे से विंध्याचल मार्ग के अलावा गंगा घाटों, सड़कों और गलियों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है।

दर्शन करने जा रहे दो दर्शनार्थी गश खाकर गिरे

माघ माह कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर आज विंध्यधाम में दर्शन पूजन करने उमड़े लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ में अलग- अलग राज्यों से आए दो श्रद्धालु गस खाकर गिर पड़े। आनन -फानन ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी उठाकर पुरानी वीआईपी मार्ग गेट पर पहुंचे और एंबुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया। डॉक्टर संतोष कुमार सिंह ने इलाज किया। 

गश खाकर गिरने वालों में बिहार राज्य चंपारण जिले से पार्वती देवी (60) अपने परिजनों के साथ पक्का घाट पर गंगा स्नान करने के उपरांत दर्शन पूजन करने के लिए जा रही थीं। इसी दौरान गश खाकर गिर पड़ीं। वहीं विश्वनाथ विश्वकर्मा (60) झारखंड से पहुंचे हैं। दर्शन पूजन करने के लिए जा रहे थे। एंटरेंस प्लाजा में गश खाकर गिर पड़े।

इससे पहले दो दिनों में साढ़े छह लाख से ज्यादा लोगों ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। रविवार को चार लाख और सोमवार को तीन लाख से ज्यादा भक्तों ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर में भी यही हालत रही।
 

प्रयागराज में संगम स्नान के बाद मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। पिछले तीन दिनों से भक्तों की संख्या बढ़ने से पुलिस और प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है।

 मंगलवार की भोर में मंगला आरती के बाद से ही मां के दरबार में भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। गर्भगृह के दोनों प्रवेश द्वार से झांकी दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ।
 

देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद जयकारे लगाते हुए मां के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। भक्त गुड़हल और गुलाब के फूलों व रजतमणि आभूषणों से किए गए शृंगार के साथ मां के दर्शन कर भाव विभोर हो उठे। इसके बाद श्रद्धालु मां काली और मां अष्टभुजा देवी दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं।