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महाकुंभ की महाकवरेज :: पढ़ें- महाकुंभ पर क्या लिख रहा है पाक, यूएई, ब्रिटेन, रूस, कतर सहित अन्य देशों से लेकर अमेरिका तक का मीडिया...

महाकुंभ की महाकवरेज :: पढ़ें- महाकुंभ पर क्या लिख रहा है पाक, यूएई, ब्रिटेन, रूस, कतर सहित अन्य देशों से लेकर अमेरिका तक का मीडिया...

चीफ एडिटर की कलम से :: दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो चुका है। इस मेले की विशालता इसी बात से समझी जा सकती है कि इसमें 40 करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान है। आस्था के महापर्व महाकुंभ में शामिल होने दुनियाभर से लोग आ रहे हैं और गंगा, जमुना, सरस्वती के पावन संगम पर डुबकी लगाकर खुद को धन्य मान रहे हैं. 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन शुरू हुआ महाकुंभ मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा जो 26 फरवरी को है। करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही दुनियाभर की मीडिया में इसकी भरपूर कवरेज देखने को मिल रही है। चाहे वो पाकिस्तान का मीडिया हो, अमेरिका, रूस या फिर संयुक्त अरब अमीरात, कतर का मीडिया... हर जगह महाकुंभ की भव्य तस्वीरों के साथ खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।

क्या बोला पाकिस्तान का मीडिया

पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अपने लेख में महाकुंभ से साधुओं की एक तस्वीर लगाई है जिसमें भगवा वस्त्र पहने, गले में माला लटकाए साधुओं के ऊपर पुष्पवर्षा हो रही है।

पाकिस्तानी अखबार ने लिखा, 'दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमघट, महाकुंभ मेला भारत में शुरू हो चुका है जिसमें करोड़ों की संख्या में भक्त उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा के तट पर डुबकी लगाएंगे. हर 12 साल में लगने वाला कुंभ इस साल बेहद खास है क्योंकि यह महाकुंभ मेला है और ऐसा योग 144 सालों बाद ही आता है. महाकुंभ मेले में करोड़ों लोग आएंगे और माना जा रहा है कि यह इतिहास का सबसे बड़ा जमावड़ा होने वाला है।'

रिपोर्ट में लिखा गया कि इस साल का आयोजन खास तौर पर भव्य है, जिसमें एक राजनीतिक पहलू भी है.एक्सप्रेस ट्रिब्यून लिखता है, 'इस त्यौहार को हिंदू एकता का प्रतीक माना जाता है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मौजूदा सरकार के तहत, धार्मिक महत्व और राजनीतिक प्रतीक, दोनों के लिहाज से त्यौहार का दायरा बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा नेता होने के साथ-साथ एक हिंदू संत भी हैं, उन्होंने इस महोत्सव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और साफ-सफाई पर 70 अरब रुपये से अधिक खर्च किए हैं।'

पाकिस्तान के एक और प्रमुख पाकिस्तान के एक और प्रमुख अखबार डॉन ने समाचार एजेंसी एएफपी से हवाले से प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में लिखा है, 'भारत में कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है और आयोजकों को उम्मीद है कि मेले में 40 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचेंगे. भगवा वस्त्र पहने साधु और राख में लिपटे नागा संन्यासी भीड़ के बीच घूम रहे थे और भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे. कई भक्त तो संगम तक पहुंचने के लिए हफ्तों पैदल यात्रा कर रहे हैं।'


अखबार ने आगे लिखा, 'यह विशाल समागम भारत की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार के लिए अपनी साख चमकाने का भी अवसर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को एक दिव्य अवसर बताया, जो "विश्वास, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम" में अनगिनत लोगों को एक साथ लाता है. मेले के आयोजकों का कहना है कि कुंभ मेले का आकार एक अस्थायी देश जितना है - जिसमें आने वाले लोगों की संख्या अमेरिका और कनाडा की संयुक्त जनसंख्या के बराबर होने की उम्मीद है।'

ब्रिटेन समाचार एजेंसी क्या बोला

ब्रिटेन स्थित समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने महाकुंभ के दूसरे दिन को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें मेले के हर रंग की तस्वीरें भी शामिल हैं।

अखबार ने लिखा, 'मंगलवार को भारत में आयोजित महाकुंभ मेले के दूसरे दिन 2.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अपने पापों की मुक्ति पाने के लिए पवित्र नदियों के संगम में डुबकी लगाने उमड़ पड़े जिनमें पवित्र भस्म लगाए नग्न हिंदू संन्यासी भी शामिल थे. सन्यासियों का शाही स्नान महाकुंभ मेले का एक प्रमुख हिस्सा है. हिंदुओं का मानना है कि इससे पापों से मुक्ति मिलती है और जन्म-मृत्यु के चक्र से भी इंसान मुक्त होता है।'

संगम पर डुबकी लगाते साधुओं का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में लिखा गया, 'हजारों श्रद्धालुओं ने सन्यासियों, साधुओं को बर्फीले पानी में डुबकी लगाते देखा, उनके सिर पर जटाएं थीं और उनके शरीर पर पवित्र माला के अलावा कुछ नहीं था. कुछ साधु त्रिशूल, भाला या गदा लेकर चल रहे थे. वो मंत्रोच्चार और ढोल की थाप के साथ पानी में डुबकी लगाने उतर रहे थे।'

ब्रिटेन के प्रमुख अखबार द गार्डियन ने एक न्यूज गैलरी प्रकाशित की है जिसमें संगम में हजारों की संख्या में लोग स्नान करते दिख रहे हैं. तस्वीर के कैप्शन में अखबार ने लिखा, 'हिंदू श्रद्धालु गंगा, जमुना और सरस्वती, त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हुए।'

अमेरिकी अखबार क्या बोले?

अमेरिकी अखबार सीएनएन ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें लिखा है कि अगले छह हफ्तों में तकरीबन 40 करोड़ लोग महाकुंभ मेले में पहुंचने वाले हैं. अखबार ने लिखा, 'महाकुंभ में बड़ी संख्या में हिंदू संतों की भीड़ पहुंचती है, जिन्हें साधु के रूप में जाना जाता है. साधु ऐसे तपस्वी होते हैं जिन्होंने सांसारिक वस्तुओं और जीवन का त्याग कर दिया है और वे अपने घुंघराले बालों, राख से ढके शरीर के साथ-साथ बेहद कम कपड़े पहनने के लिए जाने जाते हैं. मंगलवार की सुबह महाकुंभ की शुरुआत में बहुत से नागा साधुओं ने पानी में स्नान किया।'


अमेरिकी अखबार ने आगे लिखा, 'पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाने वाला प्रयागराज का नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में बदल दिया था. मुगल सम्राट अकबर ने शहर को इलाहाबाद नाम दिया था और उसे बदलना, भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश से हिंदू राष्ट्र बनाने की मोदी की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक प्रतिकात्मक कदम था।'

अमेरिकी टेलिविजन नेटवर्क एबीसी ने भी महाकुंभ को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. समाचार एजेंसी एपी के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा गया, 'मंगलवार को हजारों की संख्या में नागा साधुओं और लाखों श्रद्धालुओं ने उत्तर भारत में पवित्र नदियों के संगम पर बर्फीले पानी में डुबकी लगाई. त्रिशूल, तलवारें, भाले और छोटे दो मुंह वाले ढोल थामे, राख से लिपटे हिंदू साधु-संत सूर्योदय के समय प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम की ओर रथों पर सवार होकर मार्च कर रहे हैं. जटाओं और गेंदे के फूलों के मुकुट वाले ये साधु-संत हिंदू देवता भगवान शिव के ध्यान में हैं. वो धार्मिक नारे लगाते हुए संगम में स्नान की जगह की तरफ जा रहे हैं।'

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का मीडिया

यूएई के अखबार खलीज टाइम्स ने महाकुंभ पर प्रकाशित अपनी खबर को शीर्षक दिया है- कुंभ मेले में उमड़ा जनसैलाब, देशभर से आए हिंदू श्रद्धालु

समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा गया, 'छह हफ्ते तक चलने वाले कुंभ मेले में संगम तट पर स्नान करने के लिए करोडों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं जिनमें बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चे, गुफाओं में रहने वाले साधुओं से लेकर विज्ञान के शिक्षक... सभी शमिल हैं।'

यूएई के अखबार गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट में आईआईटी कर चुके बाबा अभय सिंह की कहानी प्रकाशित की है. अभय सिंह ने आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजिनियरिंग की डिग्री ली और वो कनाडा में नौकरी कर चुके हैं।

इनकी कहानी बताते हुए अखबार में लिखा गया, 'हरियाणा से आने वाले अभय सिंह ने डिजाइनिंग में मास्टर्स कर रखी है और इंजिनियरिंग के बाद उन्होंने फोटोगाफी का काम भी किया. उन्होंने फिजिक्स की कोचिंग भी दी लेकिन जीवन को खोज को लेकर उनकी जिज्ञासा उन्हें दर्शनशास्त्र की तरफ ले गई. अभय सिंह की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल है जहां बहुत से लोग भौतिक सुख-सुविधाओं को छोड़कर आध्यात्म और खुद की तलाश की तरफ मुड़ने को लेकर उनकी तारीफ कर रहे हैं।'

रूसी मीडिया क्या लिखते हैं 

रूस के ब्रॉडकास्टर Russia TV (RT) वर्ल्ड ने महाकुंभ को लेकर प्रकाशित अपनी खबर में को शीर्षक दिया- मानवता का सबसे बड़ा जमघट भारत में हुआ शुरू..

रूसी ब्रॉडकास्टर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, 'हिंदू धर्म में, कुंभ शब्द का अर्थ अमृत का कलश होता है. ऐसा माना जाता है कि अमरता के अमृत अमृत के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान समुद्र मंथन से निकले अमृत की बूँदें भारत भर में चार जगहों पर गिरीं: हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन. ये स्थल पवित्र हो गए, और कुंभ मेला इसी घटना का उत्सव है. श्रद्धालुओं का मानना है कि कुंभ के दौरान पवित्र नदियों में नहाने से आत्मा की शुद्धि हो जाती है, पाप धुल जाते हैं और आध्यात्मिक मोक्ष मिलता है।'

 
महाकुंभ में लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए रूसी ब्रॉडकास्टर ने लिखा, 'उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 150,000 टेंट लगवाए हैं जिनमें टॉयलेट आदि की व्यवस्था भी है. मेले के स्थल पर 450,000 नए बिजली कनेक्शन लगाए गए हैं क्योंकि 45 दिनों के इस आयोजन के दौरान बिजली की खपत एक महीने में 100,000 शहरी अपार्टमेंट के बराबर होने की उम्मीद है. भारतीय रेलवे ने 98 विशेष ट्रेनें भी शुरू की हैं, जो त्योहार के दौरान 3,000 से ज्यादा चक्कर लगाएंगी. 2013 में हुई भगदड़ जैसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ये उपाय किए गए हैं, जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी।'

कतर की मीडिया क्या लिखते हैं 

कतर के न्यूज ब्रॉडकास्टर अलजजीरा ने महाकुंभ पर एक फोटो गैलरी लगाई है. अलजजीरा ने लिखा, 'भारत के अलग-अलग हिस्सों से करोड़ों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के किनारे के विशाल मैदान को 3,000 से ज्यादा रसोई और 150,000 टॉयलेट युक्त एक विशाल टेंट सिटी में बदल दिया गया है. 25 खंडों में विभाजित और 40 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टेंट सिटी में आवास, सड़कें, बिजली, पानी, संचार टावर और 11 अस्पताल भी हैं. शहर की दीवारों पर हिंदू धर्मग्रंथों की कहानियों को दिखाते भित्ति चित्र बनाए गए हैं।'
 

अलजजीरा ने आगे लिखा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शहर में 50 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. शहर में 2,500 से अधिक कैमरा है जिनमें से कुछ एआई द्वारा संचालित हैं. ये कैमरे चार कंट्रोल रूम को सूचना भेजेंगे जिनके आधार पर सुरक्षाकर्मी कार्रवाई करेंगे।