सेना के हवाले क्यों नहीं किया महाकुंभ? भगदड़ के बाद योगी सरकार पर भड़के प्रेमानंद पुरी, मौत के करीब श्रद्धालुओं को देख रो पड़े...
प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने कहा है कि जितनी भीड़ थी, उसे पुलिस नहीं संभाल सकती थी। यह पुलिस के वश की बात नहीं थी। सेना को हवाले कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि शंतों ने शुरू से ही सरकार से इस मेला को सेना के हवाले करने की मांग की थी।
भगदड़ के बाद महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा कि अभी भी समय है इस मेले को सेना के हवाले कर दिया जाए।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने कहा, 'हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को सेना के हवाले किया जाए लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। इतनी जनता आने के बाद ये पुलिस के संभालने का काम नहीं है। मेरा मन बहुत व्यथित है। मैं अखाड़े में अपने साथियों से कहकर आया कि आपलोग यहां से ये अनाउंस मत कीजिए कि ये सब हो गया है। आप धीरे-धीरे अपने भक्तों से अपने कैंपों में लौटने के लिए कहिए। क्योंकि इससे वहां भी भगदड़ मचने की आशंका है। अगर कुंभ सेना के हवाले किया जाता तो मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा हादसा होता।'
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, "जो घटना हुई उससे हम दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे। जनहित में हमने फैसला किया है कि अखाड़े आज स्नान में थोड़ी देर बाद हिस्सा लेंगे।
मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं। साथ ही यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट जाना चाहते थे, इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए। इसमें प्रशासन की कोई गलती नहीं है। करोड़ों लोगों को संभालना आसान नहीं है। हमें अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए।"