'मैंने भीड़ में दबे कई लोगों को निकाला, लेकिन अपनी मां को नहीं..भगदड़ के बाद कुंभ में बिछड़ गए कई अपने, जो अभी तक नहीं मिले...
महाकुंभ नगर। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ में 17 से ज्यादा लोगों की मौत होने की आशंका है। भगदड़ में कई लोग घायल भी हो गए हैं और लापता भी। तमाम आंखें अब अपने बिछड़े परिजनों को खोज रही हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर निवासी एक बेटा भी अपनी मां को खोजता मिला, तो वहीं यूपी के गोंडा के शख्स को अपने चाचा की तलाश थी।
महाकुंभ नगर में बनाए गए अस्थाई केंद्रीय अस्पताल के बाहर खड़े तमाम लोग अपने अपने लापता परिजनों को खोज रहे हैं। इसके अलावा, प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचे जयप्रकाश सोनी भी अपनी मां को तलाश रहे हैं।
मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम यानी छतरपुर जिले से महाकुंभ पहुंचे जयप्रकाश ने बताया, ''रात 1:00 बजे इतनी भीड़ उमड़ी कि लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे। कई लोग दब गए. मैंने कई लोगों को निकाला। लेकिन अपनी मां को नहीं निकाल सका...आधी रात के वक्त हादसा हुआ और लोग एक दूसरे पर गिरने लगे थे। भीड़ में उनके परिवार के भी कई लोग दब गए थे। फिर से इन्होंने कई लोगों को निकाल लिया, लेकिन इनकी मां काफी नीचे दब गई थीं। तब तक कोई बचाव कर्मी मौके पर नहीं था। यही नहीं, घटना के करीब आधे से एक घंटे के बाद एंबुलेंस पहुंची। जैसे तैसे घायल मां को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। लेकिन इस घटना के तकरीबन 14 से 15 घंटे बीत जाने के बाद भी जयप्रकाश सोनी को अपनी मां का कोई अता-पता नहीं चल रहा है। केंद्रीय अस्पताल पहुंचे तो बता दिया गया कि मां को मेडिकल कॉलेज पहुंचा दिया गया है। इसलिए अब यहां आया हूं।''
इसी तरह गोंडा से आए श्रद्धालु जोखू राम ने बताया कि भगदड़ में उनके चाचा की मौत हो गई। जबकि उनकी एक रिश्तेदार अभी भी लापता है और उनका कोई भी अता पता नहीं चल रहा है।