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वाराणसी में सारनाथ निवासी निदेशक के फ्लैट पर ED ने मारा छापा, देर रात तक चली कार्रवाई, जानें पूरा मामला...

वाराणसी में सारनाथ निवासी निदेशक के फ्लैट पर ED ने मारा छापा, देर रात तक चली कार्रवाई, जानें पूरा मामला...

वाराणसी जिला, ब्यूरो। बिहार के वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में बैंक के निदेशक के आशापुर स्थित बुद्धा हाइट्स अपार्टमेंट के फ्लैट में शुक्रवार को ईडी ने छापा मारा। अलसुबह पहुंची ईडी और बिहार पुलिस की टीम ने देर रात तक फ्लैट और अन्य स्थानों की जांच की। वित्तीय अनियमितता और बैंक से लेनदेन समेत अन्य मामलों में ईडी ने निदेशक के परिजनों से भी पूछताछ की। कई दस्तावेज और लैपटाॅप की जांच की। कुछ नकदी और अन्य कई अहम दस्तावेज भी ईडी ने जब्त किया है। 

देर रात तक जांच की कार्यवाही जारी रही

पटना निवासी बैंक के निदेशक आशापुर में बुद्धा हाइट्स के फ्लैट में रहते हैं। अलसुबह बिहार नंबर की गाड़ी से आठ सदस्यीय टीम फ्लैट पर पहुंची। अपार्टमेंट के गार्ड से फ्लैट की जानकारी लेकर ईडी की टीम दाखिल हुई और फ्लैट के अंदर और बाहर भी निगरानी करती रही। बाहर बिहार पुलिस और अंदर ईडी के सभी सदस्य रहे। परिजनों ने विरोध जताया तो बिहार पुलिस ने परिचय बताया और जांच में सहयोग की हिदायत दी।

इस बीच ईडी ने निदेशक के बैंक खातों के विवरण व बैंक से संबंधित दस्तावेजों की जांच शुरू की। जांच में टीम ने बैंक संबंधित दस्तावेज को अपने कब्जे में लिया। जांच के दौरान फ्लैट में किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया और परिवार के सदस्य भी बाहर नहीं निकले। सभी के मोबाइल स्विच ऑफ कराए गए। जांच टीम के अनुसार ग्रामीण बैंक की शाखाएं गांव में हैं, जहां पर छोटी धनराशि जमा और निकासी होती है, लेकिन इस मामले में कई बार बड़ी-बड़ी धनराशि का ट्रांजेक्शन किया गया।

राजद के पूर्व मंत्री आलोक मेहता से जुड़ा है कनेक्शन

ईडी ने स्पष्ट किया कि यह जांच बिहार के वैशाली शहरी विकास सहकारिता बैंक में 85 करोड़ से अधिक घोटाले को लेकर की जा रही है। राजद के पूर्व मंत्री आलोक मेहता के पिता तुलसीदास ने 35 साल पहले बैंक की स्थापना की थी। 1995 से 2005 तक आलोक मेहता बैंक के चेयरमैन रहे। 

बैंक का प्रबंधन आलोक मेहता और उनके परिजनों के नियंत्रण में रहा। माना जा रहा है कि अवैध धन निकासी की गई और जमा कराए गए। फर्जी लोन और फर्जी निकासी समेत अन्य कई गड़बड़ियों में आलोक मेहता और उनके सगे संबंधियों के नाम हैं। आलोक मेहता के भतीजे संजीव मेहता बैंक का संचालन करते हैं। मामले में वैशाली जिले के नगर थाना में दो केस दर्ज है। इसके बाद से बैंक के सीईओ और मैनेजर की तलाश हो रही है।